भीलवाड़ा । पुनित चपलोत
जिले के लम्पिया खनन क्षेत्र में चल रहा वैधानिक खनन और ब्लास्टिंग कार्य एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गया है। मंगलवार को ग्राम जालिया के निवासियों, श्रमिकों और उपठेकेदारों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन कर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने कुछ स्थानीय रसूखदारों पर सुनियोजित तरीके से वैध खनन कार्य को रुकवाने और अवैध वसूली करने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
मुआवजा लेने के बाद भी नई मांग का आरोप
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि खनन कंपनी द्वारा प्रभावित व्यक्तियों को नियमानुसार संपूर्ण मुआवजा पहले ही नकद रूप में दिया जा चुका है। इसके बावजूद, कुछ लोग निजी स्वार्थ के चलते दबाव बनाकर ब्लास्टिंग कार्य बंद कराना चाहते हैं। ग्रामीणों ने इसे ‘जबरन वसूली’ और ‘आपराधिक धमकी’ करार देते हुए कहा कि ये लोग प्रशासन को गुमराह करने के लिए बार-बार भ्रामक ज्ञापन दे रहे हैं।
आजीविका पर गहराया संकट
स्थानीय लोगों के अनुसार, खनन कंपनी सभी वैधानिक अनुमतियों, पर्यावरणीय शर्तों और सुरक्षा मानकों का पालन कर रही है। इसके साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। विरोध के नाम पर बार-बार काम रुकवाने से न केवल कानून-व्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि सैकड़ों मजदूर परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
प्रशासनिक अधिकारियों पर भी लगाए निराधार आरोप
ज्ञापन में बताया गया कि इस प्रकरण में उपखंड अधिकारी (SDM) द्वारा कई बार समझाइश की कोशिश की गई, लेकिन सहमति बनने के बजाय विरोध कर रहे लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों पर ही निराधार आरोप लगा दिए। ग्रामीणों ने इसे प्रशासनिक गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला कृत्य बताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।


