लापरवाही का अस्पताल: सुनेल में ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं लगने से महिला की मौत
75 बेड के अस्पताल की व्यवस्थाएं चरमराई, परिजन बोले — “सिस्टम ने ली जान”
झालावाड़, स्मार्ट हलचल। रविवार सुबह सुनेल स्थित राजकीय इब्राहिम चिकित्सालय में ऑक्सीजन सिलेंडर समय पर नहीं लग पाने से एक महिला की मौत हो गई। इस घटना ने तहसील के सबसे बड़े प्रथम श्रेणी अस्पताल की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। मृतका के परिजनों में गहरा रोष है।

मिली जानकारी के अनुसार, हनोतिया निवासी प्रेम बाई (60) को हृदयाघात के बाद सुनेल अस्पताल लाया गया था। यहां भर्ती कर उनका प्राथमिक उपचार शुरू किया गया, लेकिन तबीयत बिगड़ने पर ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ी। अस्पताल में मौजूद एक इलेक्ट्रिक ऑक्सीजन सिलेंडर और तीन सामान्य सिलेंडर भी बेकार साबित हुए।
महिला जिस बेड पर भर्ती थी, उसके दोनों ओर के इलेक्ट्रिक बोर्ड खराब थे, जिससे ऑक्सीजन मशीन नहीं जोड़ी जा सकी। इसके बाद सामान्य सिलेंडर लाए गए, लेकिन पहला सिलेंडर खाली, दूसरा वाल्व खराब और तीसरे को ठीक करने में समय लगने से महिला ने दम तोड़ दिया।
मृतका के पौत्र महेंद्र सिंह ने बताया कि “समय पर ऑक्सीजन नहीं लगाने से दादी की मौत हो गई। यह पूरी तरह अस्पताल प्रशासन की लापरवाही है।” उन्होंने दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

अव्यवस्थाओं से जूझ रहा सुनेल अस्पताल
सुनेल का यह 75 बेड का राजकीय अस्पताल क्षेत्र के लगभग 80 गांवों के मरीजों का सहारा है। यहां 16 चिकित्सक पद स्वीकृत हैं, परंतु केवल सात डॉक्टर कार्यरत हैं। नर्सिंग स्टाफ और तकनीकी कर्मचारियों की भी कमी है।

जनप्रतिनिधियों का नहीं ध्यान
स्थानीय लोगों का कहना है कि सुनेल अस्पताल की दुर्दशा पर जनप्रतिनिधि और नेता मौन हैं। किसी ने भी अस्पताल की अव्यवस्था पर गंभीरता से आवाज नहीं उठाई, जिससे स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।
कोरोना के बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था
कोरोना काल में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी से कई जानें गई थीं। उसके बाद सरकार ने अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन की व्यवस्था के सख्त निर्देश दिए थे। इसके बावजूद रविवार को प्रेम बाई की मौत ने यह साफ कर दिया कि सुनेल अस्पताल में सिस्टम लाचार और लापरवाह है।
वर्जन
डॉ. शुभम स्वामी, चिकित्सक, राजकीय इब्राहिम अस्पताल, सुनेल: “महिला को हृदयाघात आया था। हमने सीपीआर दी और ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। ऑक्सीजन लगने में देरी हुई, जिससे जान नहीं बच सकी।”
डॉ. हरिप्रसाद लखवाल, प्रभारी, सुनेल अस्पताल: “मेरे पास केवल वित्तीय कार्यभार है। प्रशासनिक जिम्मेदारी मेरे अधीन नहीं है।”
डॉ. एम.एस. खान, सीएमएचओ झालावाड़: “घटना दुखद है। ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी नहीं थी। संबंधित लापरवाह कर्मचारियों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और व्यवस्थाएं जल्द सुधारी जाएंगी।”


