(बजरंग आचार्य)
स्मार्ट हलचल|अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या 1 राजगढ़, मुनेश चंद यादव ने एक पांच साल पुराने सामूहिक दुष्कर्म मामले में दो आरोपियों को आजीवन कारावास और जुर्माने की सज़ा सुनाई है।
यह घटना 24 सितंबर, 2020 की है जब पीड़िता एसएससी का फॉर्म भरने के लिए राजगढ़ आई थी। वहां उसकी मुलाकात विक्रम सिंह से हुई, जो उसे फॉर्म भरवाने के बहाने अपनी कार में ले गया। बाद में उसने तीन-चार अन्य लड़कों को भी गाड़ी में बिठाया और पीड़िता को राजगढ़ में एक जगह ले गए। वहां उन्होंने पीड़िता को जूस में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
इसके बाद, विक्रम और अन्य आरोपी पीड़िता को बंधक बनाकर अपनी कार में जयपुर और अन्य जगहों पर ले गए, जहां उन्होंने 8-10 दिनों तक लगातार उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। किसी तरह, पीड़िता उनके चंगुल से बचकर अपने घर पहुंची और राजगढ़ पुलिस थाने में सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया।
पुलिस जांच में विक्रम सिंह पुत्र महेंद्र सिंह (निवासी सुरतपुरा, राजगढ़), राहुल शर्मा (निवासी सीकर), मुकेश कुमार (निवासी उदयपुरवाटी), वीर सिंह उर्फ बंदी (निवासी गंगानगर) और हेमंत (निवासी झालावाड़) को आरोपी बनाया गया। इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376डी (सामूहिक दुष्कर्म) और 343 (गलत तरीके से बंधक बनाना) के तहत आरोप पत्र पेश किया गया।
अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए परिस्थितिजन्य साक्ष्य और मोबाइल कॉल डिटेल्स को अदालत ने महत्वपूर्ण माना। इन सबूतों के आधार पर, न्यायाधीश ने आरोपी विक्रम सिंह और वीर सिंह उर्फ बंदी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई।
इस मामले में राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक सुनील जांगिड़ ने पैरवी की, जबकि पीड़िता की ओर से एडवोकेट राकेश पूनियां और एडवोकेट कपिल जागलान ने पैरवी की।