lifestyle constipation prevention,जीवनशैली में सुधार से होगा कब्ज से बेहतर बचाव- डॉ. शोभालाल औदीच्य
उदयपुर|स्मार्ट हलचल/वर्तमान समय मे कब्ज सामान्य स्वास्थ्य समस्या के रूप में हर आमोखास को परेशान कर रही है परंतु जीवनशैली में आंशिक सुधार से इससे बचा जा सकता है। यह कहना है उदयपुर शहर के ख्यातिप्राप्त आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. शोभालाल औदीच्य का।उन्होंने बताया कि कब्ज आजकल कई लोगों को प्रभावित कर रही है। इसका मुख्य कारण आधुनिक जीवनशैली में अनियमित खानपान, पर्याप्त पानी की कमी, अधिक स्ट्रेस, और बैठे रहने की अधिकता है। विशेष रूप से जो लोग अपनी शारीरिक गतिविधियों कम कर रहे हैं या बैठे रहने के काम कर रहे हैं, उन्हें कब्ज की समस्या होने की संभावना अधिक होती है
♦…♦ये है कब्ज के प्रमुख कारण :
डॉ. औदीच्य ने बताया कि अत्यधिक जंक फ़ूड और फ़ास्ट फ़ूड का सेवन करना कब्ज को बढ़ावा देता है। कम पानी पीना, भोजन के तुरंत बाद पानी पीना, चाय, कॉफ़ी, मादक पदार्थों का अत्यधिक सेवन, अत्यधिक सूखे मेवे का सेवन, रात्रि में देर तक जागना, शोक, भय, शारिरिक परिश्रम का अभाव ये सभी कब्ज के कारण हो सकते हैं। अनियमित जीवन जीना, समय पर नहीं उठना, खाने के ऊपर फिर से खाना खाना, अपचन, ज्वर, पाण्डु, अर्श रोग, मल रोकने की आदत ये भी कब्ज के मुख्य कारण हो सकते हैं।
♦…♦इन लक्षणों से पहचाने कब्ज :
डॉ. औदीच्य ने बताया कि शौच के समय अधिक देर लगाना, सूखा काले रंग का दुर्गंध युक्त मल, मल में गांठे पड़ जाना, मल का त्याग कठिनता से होना ये कब्ज के लक्षण हैं। पेट का भारी होना, पेट फूलना,मन्दागिनी, उदर में मीठामीठा दर्द, आलस्य, अनिद्रा, सर दर्द (माइग्रेन) ये भी कब्ज के साथ जुड़े हुए लक्षण हैं।
♦…♦कब्ज का निदान :
डॉ. औदीच्य ने बताया कि छोटे बच्चों में मोबाईल देखते हुए माता पिता भोजन कराने की आदत बच्चे पाकिंग फ़ूड खाने, बच्चो को समय पर शौच निवृति की आदत नहीं डालना साथ ही बच्चे स्कुल में जाने पर डर के मारे शौच का वेग आने पर भी रोके रखना भी एक मुख्य कारण है ।
उन्होंने बताया कि कब्ज में वृहान्त्रकी मल विसर्जनी शक्ति दुर्बल हो जाती है।
♦…♦इनसे बचें :
डॉ. औदीच्य ने बताया कि गरिष्ठ, दीर्घपाकी आहार, आलू, मटर, मैदे की रोटी, पूरी, कचौरी, चिप्स, समोसा, चाट, पैटीज, पास्ता, बर्गर, पिज्जा, कोल्ड ड्रिंक इन चीजों का सेवन करना कब्ज को बढ़ावा देता है।
इसका करें सेवन
डॉ. औदीच्य ने बताया कि
गाय का घी बलानुसार, घृत कुमारी व आंवला रस, मूंगमसूर की दाल, पालक, कद्दू, आटे की रोटी, हरा शाक, धनिया की चटनी, आम, पपीता, संतरा, अंगूर, खरबूजा, अमरूद, अंजीर, मुनक्का, दाख, आलू बुखारा, अनानास, नाशपाती, छाछ, हरी सब्जियां, लोकी, तरोई, तिम्सी, परवल इन चीजों का सेवन करना कब्ज को दूर करने में मदद कर सकता है।
♦…♦ये है कब्ज का उपचार:
डॉ. औदीच्य ने बताया कि योग चिकित्सा: पवन मुक्तासन, हलासन, त्रिकोणासन, मण्डूकासन, शशकासन, गौमुखासन, वक्रासन, पश्चिमोत्तानासन, हलासन, शलभासन, मत्स्यासन, मयूरासन, उत्कटासन, अर्द्धमत्स्येंद्रासन इन आसनों का प्रायोग करना कब्ज को दूर करने में मदद कर सकता है। प्राणायाम: अग्निसार, कपालभाती ये प्राणायाम कब्ज के इलाज में मदद कर सकते हैं।
राजस्थान सरकार के आयुर्वेद औषधालय में उदावर्तहर चूर्ण, पंचसकार चूर्ण, तरुणी कुसुमाकर चूर्ण, त्रिफला चूर्ण, हरीतकी चूर्ण, कालमेघ चूर्ण, भूम्यामलकी चूर्ण अभ्यारिष्ट, कुमार्यासव, द्राक्षासव ये सभी आयुर्वेदिक दवाएँ कब्ज के इलाज में उपयोगी हो सकती हैं।
इसी प्रकार पंचकर्म चिकित्सा में अभ्यंग, स्वेदन, नाभि बस्ती, निरुह बस्ती, अनुवासन बस्ती, विरेचन ये पंचकर्म चिकित्सा के तरीके कब्ज के इलाज में मदद कर सकते हैं।
इसके साथ ही प्राकृतिक चिकित्सा के तहत पेट का गरमठंडा सेक, पेट की मिट्टी पट्टी, गरमठंडा कटि स्नान, पेट की ठंडीगरम लपेट, एनिमा ये प्राकृतिक चिकित्सा के तरीके कब्ज के इलाज में मदद कर सकते हैं।