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लोकसभा चुनाव आचार संहिता के बीच भी उनियारा सर्किल क्षेत्र में अवैध बजरी परिवहन चरम सीमा पर,

लोकसभा चुनाव आचार संहिता के बीच भी उनियारा सर्किल क्षेत्र में अवैध बजरी परिवहन चरम सीमा पर,

– बनेठा थाना सहित सर्किल क्षेत्र की पुलिस दे रही बजरी माफियाओं को संरक्षण-पुलिस जीप के सामने से निकलते हैं बजरी भरे वाहन,

– पुलिस अधिकांश बजरी वाहन मालिकों को राठौड़ी में संरक्षण दे रही तो कईयों को जुर्माने से बचाने के लिए हल्की धाराओं में गोलमोल केस दर्ज,

– बजरी के तेज रफ्तार वाहनों व तेज आवाज में गानों के कोताहल से आमजन सहित छात्रों की पढ़ाई व नींद हो रही हराम-जिम्मेदार मौन

टोंक/उनियारा । स्मार्ट हलचल/राज्य में सरकार बदलते ही एक्शन मोड़ में भी नजर आई। राज्यभर सहित जिले में प्रशासनिक अधिकारियों का महकमा भी बदला। जिले में अवैध बजरी खनन व परिवहन की प्रभावी रोकथाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट व राज्य सरकार के आदेशों की पालना में जिला प्रशासन टोंक के संयुक्त तत्वावधान में पुलिस विभाग. खनिज विभाग और वन विभाग की गठित द्वारा टीमे गठित की हुई हैं। पुलिस प्रशासन सहित जिम्मेदारों को सख्ती से अवैध बजरी खनन परिवहन पर कार्यवाही करने व अपराधों की रोकथाम को लेकर शिकायत प्राप्त होने या समय-समय पर जिला प्रशासन द्वारा लगातार आदेश व निर्देश दिए जाते रहे हैं। उनियारा सर्किल क्षेत्र में पुलिस उपाधीक्षक समेत सर्किल के पांचों थानाधिकारी भी बदले, लेकिन क्षेत्र में अवैध बजरी खनन परिवहन समेत अन्य अवैध गतिविधियों की रोकथाम को लेकर पुलिस विभाग सहित जिम्मेदारों की कार्यशैली व कार्यप्रणाली अभी तक नहीं बदली हैं, बल्कि अवैध गतिविधियां रूकने की बजाय बढ़ती ही जा रही हैं। जहां उनियारा सर्किल क्षेत्र में इन दिनों अवैध बजरी खनन व परिवहन रूकने का नाम नहीं ले रहा हैं। लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता भी लगी हुईं हैं। उनियारा सर्किल क्षेत्र में पुलिस प्रशासन व वन विभाग के कुछ जिम्मेदार अधिकारियों व कार्मिकों की घोर अनदेखी व सांठगांठ के चलते सर्किल क्षेत्र में अवैध बजरी का खनन / परिवहन चरम सीमा पर पहुंच चुका है। क्षेत्र के पुलिस थानों, पुलिस चौकियों सहित सरकारी कार्यालयों के सामने से, हाईवे व कस्बों / गांवों की सड़कों से खुलेआम कई बार तो पुलिस जीप के सामने से भी बेरोकटोक अवैध बजरी का परिवहन रात-दिन जारी हैं। हमारी मिडिया टीम की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट के अनुसार उनियारा सर्किल क्षेत्र में बनेठा व सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा थाना क्षेत्र से सर्वाधिक बजरी परिवहन होकर सर्किल क्षेत्र में बनेठा. अलीगढ़. सोप. उनियारा व नगरफोर्ट थाना क्षेत्र में बजरी परिवहन के मामले रात के अलावा भी दिनदहाड़े देखे जा रहे हैं। इतना ही नहीं सर्किल क्षेत्र में बिना लाइसेंस तथा कई नाबालिग वाहन चालक भी अवैध बजरी भरे ट्रैक्टर-ट्रॉलीयों को दौडाते नजर आ रहे हैं। इसी वजह से बजरी माफियाओं पर नियमित रूप से कार्यवाही नहीं होने व जिम्मेदारों द्वारा संरक्षण मिलने की वजह से क्षेत्र में लगातार अवैध बजरी का खनन व परिवहन रूकने की बजाय बढ़ता ही जा रहा हैं। यह सब गोरखधंधे क्षेत्र में आमजन को तो जरूर नजर आते हैं, लेकिन क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों व उनके कार्मिकों को यह अवैध गतिविधियों के गोरखधंधे शायद नजर नहीं आते हैं। जिससे क्षेत्र में आयेदिन घटना-दुर्घटनाएं बढ़ती नजर आ रही हैं। जिससे क्षेत्र में राह चलते निर्दोष राहगीर, वाहन चालकों सहित गौवंश पशुओं को हादसे का शिकार होना पड़ रहा हैं या मौत के घाट उतरना पड़ रहा हैं। कुछ बजरी के बेकाबू वाहन तो मकानों तक को तोड़कर अन्दर घुस आते हैं, वहीं बीते 4 माह पूर्व भी 20 नवम्बर की रात्रि को बनेठा थाना क्षेत्र में गोपालपुरा-संग्रामपुरा गांव में टोंक रोड पर मकान में बजरी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली घुस गई थी, जहां मकान में सो रहे परिजन एक बड़े हादसे का शिकार होते बाल-बाल बचे थे। बनेठा कस्बा में भी बजरी भरे वाहनों से करीब आधा दर्जन दीवारें तोड़ मकानों में घुसने की घटनाएं कई बार हो चुकी हैं, इतना ही नहीं मगंलवार, 5 दिसम्बर 2023 की रात्रि 9 बजे करीब भी बजरी भरे तेज रफ्तार बेकाबू ट्रैक्टर-ट्रॉली ने सोप पुलिस थाना परिसर की दीवार व एक बिजली के पोल को तोड़ते हुए अन्दर घुस गया था। घटना की आवाज सुनकर तत्कालीन डीओ ड्यूटी ऑफिसर एएसआई सुखलाल जाट सहित पुलिसकर्मी दौड़कर थाने से बाहर आए, जहां घटना को देखकर पुलिस की सांसे फूली की फूली रह गई, जो जनहानि होने से एक बड़ा हादसा टल गया था। वहीं हाल ही में बीते माह 13 फरवरी को उनियारा बाजोलिया गांव में बजरी भरे ट्रैक्टर से बाईक सवार एक महिला की मौत हो गई थीं, पूर्व में भी बीते कुछ सालों में दर्जनों घटनाएं अवैध बजरी परिवहन वाहनों से हो चुकी हैं। या यूं कहे की पुलिस सांठगांठ के चलते बजरी के वाहन चालकों को पुलिस द्वारा भगाना दिखाकर रिकॉर्ड में नहीं लेकर संरक्षण देने की कारगुजारी के मामले भी सामने आ रहे हैं तथा कई बजरी भरे ट्रैक्टर ट्रॉलीयों को पकड़ने के बाद मोटे जुर्माने से बचाने के लिए आरएनसी एक्ट की हल्की धाराओं में केस दर्ज कर पुलिस इन दिनों मोटी कमाई करने में लगी हुई हैं। बजरी माफियाओं की रेंकी करने वाले मुखबीर क्षेत्र में जगह-जगह पुलिस थानों के आसपास या चौराहे पर रातभर घूमते नजर आते हैं, जो पुलिस सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की निगरानी रखकर पहले से ही सूचना बजरी के वाहन चालकों तक पहुंचा देते हैं, अगर किसी वजह से भूले बिसरे बजरी माफियाओं के वाहन पकड़ में भी आ जाते हैं तो सांठगांठ व मासिकबंदी/हफ्ता वसूली की वजह से वाहन चालक को फरार दिखा दिया जाता हैं व कई बार तो पुलिस द्वारा ट्रैक्टर को ही राठौड़ी में बदल दिया जाता हैं, ताकि आपराधिक मुकदमों की वजह से चालक बदला जा सकें। जिसके भी कई जीते जागते मामले सामने आए। जबकि स्थानीय उपखण्ड क्षेत्र में पुलिस प्रशासन सहित क्षेत्र के जिम्मेदार चाहे तो अवैध खनन व परिवहन रोकना कोई बड़ी बात नहीं हैं। इसके जीते जागते उदाहरण को यूं समझते हैं की सरकार के निर्देशानुसार कभी कभार जिले या क्षेत्र में किसी बड़े अधिकारी या स्पेशल टीम का एक-दो दिन का निरीक्षण या कुछ दिनों का अभियान चलाया जाता हैं तो मासिक वसूली / चौथ वसूली की वजह से स्थानीय पुलिस सहित जिम्मेदार पहले से ही बजरी माफियाओं को सूचित कर भूमिगत कर देते हैं। जब स्थानीय जिम्मेदारों के ऊपर अवैध बजरी खनन / परिवहन की कार्यवाही करने का प्रशासनिक दबाव होता हैं तो महीने में एकाद वाहनों को जब्त दिखाकर जुर्माना बचाने के लिए हल्की धाराओं में गोलमोल कार्यवाही को अंजाम देते हुए इतिश्री कर उच्चाधिकारियों को खुश कर दिया जाता हैं। वन विभाग में भी क्षेत्रीय वन अधिकारी का पद रिक्त चल रहा है। ऐसे में क्षेत्र में बढ़ते हुए अवैध बजरी परिवहन वाहनों के तेज रफ्तार कहर व तेज आवाज में बजरी वाहनों में बजने वाले गानों से इन दिनों क्षेत्र में आमजन सहित छात्रों की बोर्ड परीक्षा की तैयारी को बाधित कर रातभर नींद हराम की जा रही हैं। लेकिन लोक सभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता के बीच भी खुलेआम अवैध बजरी का खनन व परिवहन कर उल्लंघन होते हुए भी सर्किल क्षेत्र के जिम्मेदार मौन साधे हुए बैठे हैं।

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