गजानंद जोशी
पंडेर, क्षेत्र में 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पडेर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी स्वतंत्रता दिवस बड़े ही हर्ष उल्लास एवं देश प्रेम की भावना के साथ मनाया गया।लेकिन इस स्वतंत्रता दिवस समारोह मे कई व्यक्तियों के हक अधिकार एवं सम्मान का हनन किया गया।इसमें लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार भी शामिल है।राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाए जाने वाले कार्यक्रमों में राष्ट्र के लिए समर्पित देश एवं गांव समाज सेवा में अपना योगदान देने वाले व्यक्तियों का महत्व होता है।लेकिन इस समारोह में ऐसा देखने को नहीं मिला यहां वही हुआ जो पिछले 5 सालों से होता आया है।मंच पर वहीं राजनीतिक एवं प्रभावशाली चेहरे हर बार की तरह उन्हें माला एवं शाफा से लद दिया गया।जबकि निस्वार्थ भाव से गांव में,समाज में,सामाजिक कार्यक्रमों में,सांस्कृतिक परंपराओं में,देश में,अपना योगदान देने वाले कई व्यक्ति गांव में मौजूद है।लेकिन ऐसे व्यक्ति सामने होते हुए भी उनको मंच पर बुलाना तो दूर उनका नाम तक नहीं लिया गया।इसके अलावा गांव के वह बड़े बुजुर्ग भी हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन गांव के प्रगति में,धार्मिक परंपराओं में,सद्भावनाओं में,जन सेवा में,समर्पित किया है इन सभी को नजर अंदाज करना कहां तक उचित है।हर बार की तरह वही चेहरे मानो उनके नाम की रजिस्ट्री कर दी गई हो हमारा कहना यही है किसी कार्यक्रम में कार्यक्रम की विशेषता महत्वता देखी जाए और उसी अनुरूप सम्मान दिया जाना चाहिए।ताकि जो निस्वार्थ भाव से देश में अपना योगदान प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से दे रहे हैं उनको अपना हक अधिकार एवं सम्मान मिल सके।जो सम्मान का सही में हकदार हो सम्मान उन्हें को मिले।