झालावाड़ 22 अप्रेल।स्मार्ट हलचल/राधा रमण डिप्टीजी के मंदिर में चल रही राधा माधव कथा के चतुर्थ दिवस में युवा संत भाई श्री संतोष सागर जी महाराज ने कहा कि कथा में आना, कथा को सुनना, यह जीवन की सार्थकता नहीं है, जो कथा आप सुनते हो उसको समझो और अपने जीवन में धारण कर लिया तो आपका जीवन सार्थक बन जाता है। महाराज जी ने माता देवहूति भगवान कपिल की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि संसार में मुक्ति पाना कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है बल्कि भक्त पाना भगवान के प्रति प्रेम पाना बड़ा कठिन है। भागवत कथा सत्संग यह भक्ति के प्रादुर्भाव है, जहां भक्त के मन में भक्ति का बीज उत्पन्न होकर सांसारिक जीव का मन जगदीश में लग जाता है, भगवान के प्रति प्रेम होना ही मुक्ति का साधन है। जय चीरहरण लीला गोवर्धन लीला और छप्पन भोग के साथ झांकी दर्शन कर श्रद्धालुओं ने भक्ति पूर्वक चतुर्थ दिन की भागवत जी की आरती पुष्पांजलि की एवं प्रसाद का वितरण किया गया।