(पंकज पोरवाल)
भीलवाडा।स्मार्ट हलचल|राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन ने जिले के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान महात्मा गांधी अस्पताल (संबद्ध आरवीआरएस मेडिकल कॉलेज) में नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी और नर्सों के लिए हार्ड ड्यूटी अलाउंस की विसंगतियों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। एसोसिएशन के संरक्षक फरीद मोहम्मद रंगरेज, जिलाध्यक्ष नारायण लाल माली, और जिला संयोजक सावरमल स्वर्णकार ने इस संबंध में मुख्यमंत्री, चिकित्सा सचिव, प्रिंसिपल आरवीआरएस मेडिकल कॉलेज, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और जिला कलेक्टर सहित अन्य उच्चाधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर तत्काल समाधान की मांग की है। एसोसिएशन ने बताया कि भीलवाड़ा जिले के सभी हिस्सों से प्रतिदिन 5000 से अधिक मरीज इलाज के लिए महात्मा गांधी अस्पताल आते हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने अस्पताल में बेड की संख्या 533 से बढ़ाकर 850 तो कर दी है, लेकिन इसके अनुपात में नर्सिंग स्टाफ के पद नहीं बढ़ाए गए। इसके विपरीत, कई नर्सिंग अधिकारी पदोन्नति पाकर अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो गए हैं या रिटायर हो चुके हैं, जिससे स्टाफ की कमी और बढ़ गई है। वर्तमान में महात्मा गांधी अस्पताल में 107 नर्सिंग स्टाफ के पद खाली चल रहे हैं, जिसके कारण मरीजों को मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं देने में कठिनाई आ रही है। एसोसिएशन ने मांग की है कि महात्मा गांधी अस्पताल भीलवाड़ा में कम से कम 100 नर्सिंग ऑफिसर्स को तत्काल नियुक्त किया जाए। इसके अलावा, संगठन ने प्रदेश के नर्सों को मिलने वाले र्ड ड्यूटी अलाउंसश की विसंगति को भी प्रमुखता से उठाया है। नर्सिंग स्टाफ को यह अलाउंस बहुत कम मिल रहा है, जो श्ऊंट के मुंह में जीराश् जैसा है, और इसे तुरंत बढ़ाया जाना चाहिए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए गए ज्ञापन में एसोसिएशन ने यह भी स्पष्ट किया कि जिले के समस्त चिकित्सा संस्थानों पर जहां नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर ड्यूटी पर हैं, वहां किसी भी आपातकाल या गंभीर स्थिति में मरीज को वापस भेजे जाने या डॉक्टर को रेफर कर दिए जाने की अवस्था में सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दर्ज किए गए लिखित ऑर्डरों को वापस लिया जाए और उनकी प्रति उपलब्ध कराई जाए। साथ ही, जिन नर्सिंग अधिकारियों के एमएसीपी के प्रकरण आठ माह से अधिक समय से लंबित हैं, उन्हें जल्द से जल्द क्लियर कराया जाए। एसोसिएशन ने उच्चाधिकारियों से इन सभी समस्याओं का तत्काल समाधान कर नर्सिंग समुदाय को राहत देने का अनुरोध किया है।


