(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
स्मार्ट हलचल/बलिया जिले के नगर पंचायत बिल्थरारोड में मंगलवार को आयोजित ऐतिहासिक महाबीरी झंडा जुलूस में आस्था और श्रद्धा का महासंगम देखने को मिला। इस भव्य शोभायात्रा का आयोजन मानस मंदिर और यूनाइटेड क्लब के संयुक्त तत्वावधान में किया गया, जो नगर की परंपरा और धार्मिक उत्साह का प्रतीक है। जुलूस ने पूरे नगर को भक्तिमय कर दिया और श्रद्धालुओं के दिलों में अद्भुत आस्था का संचार किया।
जुलूस की शुरुआत रेलवे स्टेशन स्थित मंदिर प्रांगण से हुई, जहां से भक्तों का समूह हर्षोल्लास के साथ निकला। यह जुलूस मेनरोड, सीयर सोनाडीह मार्ग, तिनमुहानी, बस स्टैंड होते हुए पुनः रेलवे स्टेशन जाकर समाप्त हुआ। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने नगर और ग्रामीण क्षेत्रों से आकर इस जुलूस में भाग लिया। हनुमान जी के जयकारों से गूंजते हुए नगर के कोने-कोने में भक्ति का माहौल छा गया।
इस वर्ष विशेष रूप से सजी हुई श्री हनुमान जी की भव्य प्रतिमा जुलूस का मुख्य आकर्षण रही। श्रद्धालुओं के बीच उनकी झांकी ने विशेष धार्मिक भावनाओं को जागृत किया। शोभायात्रा में भगवान श्री हनुमान के रूप को देखकर भक्तों की आस्था और भी प्रबल हो गई।
शांति और सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए उपजिलाधिकारी बेल्थरारोड और क्षेत्राधिकारी रसड़ा ने पुलिस बल के साथ पूरे जुलूस मार्ग पर कड़ी निगरानी रखी। पुलिस की मुस्तैदी से यह आयोजन बिना किसी बाधा के संपन्न हुआ। प्रशासन की तरफ से हर चौक-चौराहे पर पुलिस की तैनाती की गई थी ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
समाजसेवी संगठनों और दुर्गा पूजा समिति ने भी श्रद्धालुओं की सेवा के लिए जगह-जगह पानी और शरबत के स्टॉल लगाए। इन स्टॉलों से भक्तों को गर्मी में राहत मिली और वे अपने श्रद्धा के मार्ग पर निरंतर चलते रहे। स्थानीय नागरिकों का भी इस आयोजन में भरपूर सहयोग रहा, जिससे जुलूस ने नगर में शांति और सौहार्द्र का संदेश प्रसारित किया।
यह महाबीरी झंडा जुलूस न केवल धार्मिक आस्था का पर्व था, बल्कि यह सामुदायिक एकता, शांति, और भाईचारे का भी प्रतीक बन गया। नगर के लोग इस जुलूस को अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं और इसे पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाते हैं।
जुलूस का समापन रेलवे स्टेशन स्थित मंदिर प्रांगण में हुआ, जहां भक्तों ने आरती और हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस ऐतिहासिक जुलूस ने न केवल बलिया के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ा, बल्कि श्रद्धालुओं के दिलों में अद्भुत भक्ति का संचार भी किया।