भीलवाड़ा । हाईवे 758 गुरलाँ बस स्टैंड स्थित सदाबहार महादेव मन्दिर में महिलाओं ने तीज की पुजा अर्चना कर कहानी की तीज रक्षाबंधन के तीन दिन बाद और जन्माष्टमी के पांच दिन पहले मनाई जाती है । हर साल भाद्रपद कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी ( कजली ) तीज का त्योहार मनाया जाता है. कजरी का अर्थ काले रंग से है. इस दौरान आसमान में काली घटा छाई रहती है. इसलिए शास्त्रों में इस शुभ तिथि को कजरी तीज का नाम दिया गया है.इसे कजली,सातुडी तीज भी कहत है इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के भवानी स्वरूप की पूजा का विधान है । इस दिन नीमड़ी माता की पूजा भी बहुत कल्याकणकारी मानी गई है. इस दिन महिलाएं अपने सुहाग के लिए व्रत किया और पति लंबी उम्र की कामना करती हैं. अविवाहित कन्याएं मनाचाहा वर पाने के लिए कजरी तीज का उपवास करती है । रेखा सेन , मीरा सेन, मधु सेन, पायल सेन, चन्दा त्रिपाठी, कान्ता दाधीच, जया श्रौत्रिय, सरस्वती दाधीच, सीमा दाधीच सहित कई महिलाओ ने तीज पर्व मनाया ।