भीलवाड़ा । भारतीय सामाजिक क्रांति के जनक कहे जाने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले एक महान विचारक, कार्यकर्ता, समाज सुधारक, लेखक, दार्शिनक, संपादक और क्रांतिकारी थे। उन्होंने जीवन भर निम्न जाति, महिलाओं और दलितों के उद्धार के लिए कार्य किया। यह विचार फूले सेवा संस्थान के अध्यक्ष ने महात्मा ज्योतिबा फूले मूर्ति के ग्यारवें स्थापना दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये। साथ ही आज की युवा पीढ़ी से समाज में व्याप्त बुराईयों को जड़ से मिटाने का भी आव्हान किया।
‘‘आज के दौर में भी क्यो प्रासंगिक है महात्मा फूले के विचार’’ पर आयोजित गोष्ठी में कई वक्ताओं ने महात्मा फूले द्वारा पिछडा़े के उत्थान पर दिये गये योगदान पर बल देते हुए कहा कि हमें आपसी मतभेद बुलाकर विकास और उत्थान पर ध्यान देना चाहिए। महात्मा फुले हमारे प्ररेणा स्त्रोत है। विचार गोष्ठी से पूर्व फूले के सभी अनुयायियों ने देवरिया बालाजी के समीप स्थित महात्मा ज्योतिबा फूले मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।