सांवर मल शर्मा
आसींद । तप,त्याग, और तपस्या की पावन धरती भगवान श्री देवनारायण की जन्मस्थली एवं माता साडू की अखंड तपो भूमि मे दो दिवसीय जाल वाला फाउंडेशन की ओर से देव महा भक्ति का कार्यक्रम संपन्न हुआ. रविवार रात्रि के कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग उमड़े. दिसंबर की सर्द रात ने भी अपना आइना दिखाना शुरू कर दिया था, सोमवार सुबह से ही ठंडी हवाओं ने भी अपना रोद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया, देर शाम आते-आते तो हवा की गति और तेज हो गई ठंड बढ़ने के अलावा पारा 5 डिग्री के आसपास पहुंच गया, लेकिन सवाई भोज, जाल वाले भेरुनाथ, भगवान देवनारायण जी मैं अटूट भक्ति, विश्वास और स्नेह रखने वाले श्रद्धालुओं का सैलाब सुबह से ही आना शुरू हो गया, जैसे जैसे सर्द हवाओ ने और जोर से अपना रूद्र रूप दिखाणा शुरू किया वैसे ही भक्तों का रेला भी आना शुरू हो गया, शाम को दिव्य और भव्य भगवान श्री देवनारायण, सवाई भोज,माता साडू,जाल वाले भेरुनाथ की झाकियों ने मन मोह लिया रात्रि होते-होते तो शंका के सारे बादल छठ गए, मालासेरी डूंगरी मैं सोमवार रात्रि को जो कार्यक्रम हुआ वह शायद जिले का पहला ऐसा कार्यक्रम था की भयंकर सर्दी में भी लोग अपनी जगह से हिले नहीं, पूरी रात भर झांकी और भजन संध्या का पूरा आनंद लिया. शाम को छप्पन भोग की झांकी में भगवान देवनारायण की महा आरती उतारी गई, जैन समाज के इस कार्यक्रम में अनुशासन और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला, देखते ही देखते मालासेरी मंदिर परिसर में देव भक्तों को पैर रखने की जगह भी नहीं मिली. मंदिर परिसर के अलावा बाहर लोग ( धुणी तापते ) अलाव का सहारा लेकर भी भगवान के इस कार्यक्रम अपनी सहभागिता दिखाई. भगवान देवनारायण की कृपा से दो दिवसीय कार्यक्रम धूमधाम से संपन्न हो गया. सामाजिक समरसता के प्रतीक भगवान देवनारायण के इस कार्यक्रम में समस्त सनातन प्रेमीयों मे आस्था का ज्वार उमड़ पड़ा । भगवान देवनारायण के कमल पुष्प पर अवतार की संजीव झांकी ने मानो हमें आज से 1113 वर्ष पूर्व के भगवान देवनारायण के अवतार युग की याद दिला दि.भगवान के जयकारों से पूरा पांडाल गूंज उठा ।