आसींद । रोहित सोनी
वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ आसींद द्वारा श्रमण संघ के महामंत्री सौभाग्य मुनि का तृतीय पुण्य स्मृति दिवस मरुधरा ज्योति साध्वी कमल प्रभा के सानिध्य में तप त्याग के साथ मनाया गया। साध्वी ने धर्मसभा में कहा कि सौभाग्य मुनि ने 13 वर्ष की आयु में दीक्षा अंगीकार करके 70 वर्ष तक संयम पाल कर जिन शासन का गौरव बढ़ाया है। मुनि ने सैंकड़ों साहित्य की रचना की वह एक अच्छे लेखक के साथ साथ साहित्यकार थे, उनका चिंतन बहुत अच्छा था।
साध्वी लब्धि प्रभा ने कहा कि सौभाग्य मुनि ने अहिंसा संयम तप की साधना करके अपना जीवन उज्ज्वल बनाया है। आकोला ग्राम में 10 दिसंबर 1937 को जन्म लेकर 2 फरवरी, 1950 को गुरुदेव अम्बालाल म.सा. के पास कड़िया ग्राम में दीक्षा अंगीकार की। मुनि ने मेवाड़ ही नही मारवाड़ सहित पूरे देश में जैन धर्म की अलख जगाई थी। आपकी सोच बहुत उच्च रही थी।साध्वी तरुण प्रभा, सुदर्शन प्रभा, मणि प्रभा ने गीतिका प्रस्तुत की।
संघ के संरक्षक शांति लाल बनवट ने मुनि का पूरा जीवन परिचय देते हुए बताया कि पूना सम्मेलन में आचार्य आनंद ऋषि म.सा.ने श्रमण संघ के महामंत्री के पद से आपको सुशोभित किया गया। आपने जैन आगम के हिंदी अनुवाद सहित साहित्य के क्षेत्र में समाज को बहुत कुछ दिया है आपके जितने गुणगान किए जाए उतने कम है। आपका 28 सितंबर 2020 को उदयपुर में देवलोक गमन हो गया था। महिला मंडल की अध्यक्षा श्री मति मंजू करनावट ने मुनि को गीत के माध्यम से श्रद्धा सुमन अर्पित किए। धर्मसभा में जोधपुर जिले के धनारी कला, डावरा से भी श्रावक शामिल हुए। संघ अध्यक्ष चंद्र सिंह चौधरी मंत्री पूरण मल चौधरी ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया