किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) को अपने अखाड़े से निष्कासित कर दिया है. इतना ही नहीं आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को भी उन्होंने अखाड़े से निकाल दिया है. दरअसल, लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने हाल ही में ममता कुलकर्णी को अपने अखाड़े में शामिल किया था. किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास का कहना है कि बिना उनकी जानकारी के लक्ष्मीनारायण ने ममता को महामंडलेश्वर बनाया था. अब उन्होंने दोनों को ही पद से निष्कासित कर दिया है.
अखाड़े का होगा पुनर्गठन
शुक्रवार को किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने घोषणा की कि अब किन्नर अखाड़े का पुनर्गठन नए सिरे से होगा. इसके अलावा वो जल्दी ही अखाड़े के नए आचार्य महामंडलेश्वर की भी घोषणा करेंगे. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही महाकुंभ 2025 में ममता कुलकर्णी ने अपना पिंड दान करते हुए संन्यास लिया था. एक पट्टाभिषेक प्रोग्राम में ममता को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर घोषित किया गया. यहां ममता का नाम बदलकर यामाई ममता नंद गिरी भी रखा गया. सोशल मीडिया पर तभी से ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर पर विवाद हो गया. कई लोगों का मानना है कि आखिर किसी महिला को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है?
ममता कुलकर्णी का मुद्दा
ऋषि अजय दास का मानना है कि लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी को सीधे महामंडलेश्वर की उपाधि दे दी. वो फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी हैं और देशद्रोह के मामले में भी उनका नाम आ चुका है. ऐसे में ममता को अखाड़े की परंपरा को मानते हुए पहले वैराग्य के रास्ते पर चलाना चाहिए था. जानकारी के लिए बता दें कि संत समाज ने भी ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर नाराजगी जताई थी.
कौन हैं ममता कुलकर्णी
ममता कुलकर्णी 90 के दशक की सबसे पॉपुलर बॉलीवुड एक्ट्रेस हुआ करती थीं. उन्होंने अपने फिल्मी करियर में ‘चाइना गेट’, ‘नसीब’, ‘बाजी’, ‘सबसे बड़ा खिलाड़ी’, ‘करण अर्जुन’, ‘क्रांतिवीर’, ‘तिरंगा’, ‘वक्त हमारा है’ और ‘किस्मत’ जैसी कई फिल्मों में काम किया. हालांकि, वो अपने नाम की वजह से कम और विवादों की वजह से ज्यादा चर्चा में रहीं. अपने करियर के पीक पर पहुंचकर ममता ने साल 1996 में आध्यात्म का सहारा लिया और धीरे-धीरे फिल्मों से दूर हो गईं.साल 2016 में उन पर ड्रग रैकेट में शामिल होने का आरोप लगा. हालांकि, साल 2024 में हाईकोर्ट ने इस मामले को रद्द कर दिया. पूर्व एक्ट्रेस का नाम अंडरवर्ल्ड से भी जुड़ चुका है.
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ में अपना पिंडदान किया था और संन्यास अपना लिया था। इसके बाद भव्य पट्टाभिषेक कार्यक्रम में उन्हें किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया था। उनका नया नाम श्री यामाई ममता नंद गिरी रखा गया था। ममता कुलकर्णी 7 दिनों तक महाकुंभ में रहीं। लेकिन किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद से विवाद चल रहा था। संन्यासी बनने के बाद ममता कुलर्णी ने कहा था कि वो बॉलीवुड में वापस नहीं जाएंगी। अब वो सनातन धर्म का प्रचार करेंगी।