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मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस पर बाल संरक्षण संस्थाओं ने बच्चों की सुरक्षा के लिए समन्वित कार्रवाई पर दिया जोर

भीलवाड़ा । मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस के अवसर पर बाल अधिकारिता विभाग एवं जिला बाल संरक्षण इकाई, रेलवे सुरक्षा बल, मानव तस्करी विरोधी इकाई एवं नवाचार संस्थान की पहल पर भीलवाडा रेलवे स्टेशन पर हुए जागरूकता कार्यक्रम में बाल संरक्षण और बाल अधिकारों के क्षेत्र से जुड़े सभी प्रमुख हितधारक एक साथ आए। इस कार्यक्रम में बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक धर्मराज प्रतिहार के निर्देशानुसार चाइल्ड हेल्प लाइन 1098, मानव तस्करी विरोधी इकाई और रेलवे सुरक्षा बल के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और एक सुर से स्वीकार किया कि बाल दुर्व्यापार यानी बच्चों की ट्रैफिकिंग से निपटने के लिए सभी एजेंसियों व विभागों को साथ मिलकर कार्रवाई करने की सख्त जरूरत है ताकि ट्रैफिकिंग गिरोहों में कानून का भय पैदा हो सके। संस्थान, देश में बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए 250 से भी अधिक नागरिक समाज संगठनों के देश के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी संगठन है और भीलवाडा में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है। जेआरसी बाल श्रम, बच्चों की ट्रैफिकिंग, बाल विवाह और बाल यौन शोषण के शिकार बच्चों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है।

बच्चों की ट्रैफिकिंग से निपटने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने आने वाली वाली चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने सामूहिक रूप से यह माना कि मौजूदा कानूनों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, संवेदनशील तबकों को ट्रैफिकिंग गिरोहों और उनके कामकाज के तरीकों के बारे में संवेदनशील बनाना और सभी एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करना तत्काल जरूरी है, ताकि मुक्त कराए गए बच्चों के लिए तय समयसीमा में न्याय और पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके।

जुलाई में बाल अधिकारिता विभाग, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, मानव तस्करी विरोधी इकाई एवं संस्थान ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), जीआरपी एवं रेलवे विभाग के साथ मिलकर बच्चों की ट्रैफिकिंग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए रेलवे स्टेशनों पर अभियान चलाया। चूंकि ट्रैफिकिंग गिरोह अक्सर बच्चों को दूसरे राज्य ले जाने के लिए रेल मार्ग का उपयोग करते हैं, इसलिए इस अभियान का फोकस यात्रियों, रेल कर्मियों, विक्रेताओं, दुकानदारों और कुलियों को बाल तस्करी के संकेतों की पहचान करने और संदिग्ध मामलों की सुरक्षित रूप से रिपोर्ट करने के लिए संवेदनशील बनाना था। रोकथाम अभियानों की सफलता के लिए जिले में मजबूत प्रशासनिक समन्वय और समयबद्ध कानूनी कार्रवाई आवश्यक है। इस तरह से काम कर हम न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा बल्कि उन ट्रैफिकिंग गिरोहों के नेटवर्क का भी खात्मा कर सकेंगे जो बच्चों का शिकार करते हैं।

इस जागरूकता कार्यक्रम के तहत स्टेशन अधीक्षक रमेश कुमार विजयवर्गीय, जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक धर्मराज प्रतिहार के निर्देशानुसार जिला बाल संरक्षण इकाई के संरक्षण अधिकारी अनुराधा तोलंबिया, मानव तस्करी विरोधी इकाई के एएसआई ओम प्रकाश सेन, हेड कास्टेबल मुकेश कुमार पारीक, रेलवे सुरक्षा बल के उप निरीक्षक रेखा बाई, सहायक उप निरीक्षक प्रेम सिंह, कास्टेबल अरुण शर्मा, हेड कास्टेबल बच्चू सिंह, जीआरपी से महिला कास्टेबल राममूर्ति, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के परियोजन समन्वयक हेमंत सिंह सिसोदिया, काउंसलर निर्मला पुरोहित, सुपरवाइजर राधेश्याम गुर्जर, केस वर्कर सुमन साहू, नवाचार संस्थान के जिला समन्वयक जितेंद्र सिंह तोमर, रेड एंड रेस्क्यू ऑफिसर भगवत सिंह चारण, काउंसलर अल्का ओझा, टीम सदस्य अनिल ओझा एवं सीमा पुरोहित मौजूद रहे। जागरूकता कार्यक्रम में रेलवे स्टेशन पर हस्ताक्षर अभियान, जागरूकता रैली का आयोजन किया गया।

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