मांडलगढ़ है रिश्वतखोरी, अवैध खनन परिवहन, देह व्यापार, नशेड़ी, भ्रष्टाचार्यों का गढ़
तत्कालीन और वर्तमान विधायक की कार्य शैली पर भी गौर करना चाहिए
नगर पालिका, पंचायत प्रशासन, पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जल जीवन मिशन, जनप्रतिनिधि कोई इस भ्रष्टाचार के गढ़ में अछूता है क्या?
विचार मंथन
अनैतिक अवैध कार्यों की लिस्ट काफी लंबी चौड़ी है और करने वालों की भी, शायद ही कोई ऑफिस अछूता होगा। यहां तो बाढ़ ही खेत को खा रही है। चाहे रेत खनन हो या वन विभाग कोई भी विभाग सबको बंदी जाती है। लेकिन इन दिनों एक बड़ा परिवर्तन हुआ है, जो बंदी(रिश्वत) पहले अलग-अलग लोगों से अलग-अलग ली जाती थी, अब वह सारी एक जगह पर ही संग्रह होती है और वहीं से बटती।
अवैध शराब की दुकान या बिक्री हो या देह व्यापार खुलेआम सड़क पर सेक्स का आमंत्रण और उसे स्वीकार करने वाले के वाहनों से सामान का गायब होना लूट खसोट होना उसकी मजबूरी भी है कह भी नहीं सकता जिसके साथ ज्यादा चोट नहीं हुई हो. क्या इस सब अनैतिक कार्यों की प्रशासन को जानकारी नहीं है।
क्षेत्र के जनप्रतिनिधि ईमानदार हो और जन सेवा की भावना हो तो क्या अनैतिक कार्यों, रिश्वतखोरी में कमी नहीं लाई जा सकती।
चुनाव से पहले तत्कालीन विधायक जो वर्तमान में भी है के पास कोई समस्या लेकर जाता था तो उनका एक ही जवाब होता था कि हमारी सरकार नहीं है मेरी तो कोई सुनता भी नहीं अगर मेरी सरकार होती तो एक मिनट में सारे कार्य हो जाते। देह व्यापार पर तत्कालीन विधायक ने भी कई बार ज्ञापन दिए थे और कहा था हमारी सरकार होती तो एक मिनट में देह व्यापार बंद हो जाता लेकिन कांग्रेस की भ्रष्ट सरकार निकम्मी सरकार कुछ करती ही नहीं और मेरी चलती भी नहीं मेरी कोई नहीं सुनता।
ऐसे ही देह व्यापार हो या रेत माफिया, अवैध खनन,अतिक्रमण या कोई विकास के कार्य, भ्रष्टाचार के कार्य किसी भी बात पर उनका एक ही जवाब मेरी कोई सुनता नहीं और कांग्रेस की भ्रष्ट सरकार कुछ करती नहीं मेरी सरकार आएगी तो देखना सारे काम तुरंत होंगे। अभी वर्तमान में वही विधायक हैं और सरकार भी उनकी है तो क्या सारे अनैतिक कार्य, देह व्यापार बंद हो गए हैं।