आसींद में नववर्ष पर निरंकारी सत्संग का आयोजन,उमड़े श्रद्धालु
मांडलगढ
(केसरीमल मेवाड़ा)
स्मार्ट हलचल।मानवमात्र स्वयं को निरंकार प्रभु परमात्मा से स्वयं को जोड़कर जीवन जीने लग जाए तो प्रतिदिन नववर्ष की भांति लगने लगे जायेगा। चौरासी के प्रपंच से बचाव व आत्मा के मोक्ष लिए निरन्तर भक्ति करते रहे तभी आत्मा से परमात्मा का मिलन होकर मानव को पूर्ण सदगुरु की दया से निरंकार प्रभु की प्राप्ति हो सकती है। मानव अहंकार को त्याग ईश्वर का सिमरन करने पर जीवन का कल्याण हो सकता है। सांसारिक जीवन में मनुष्य कई गलतियां कर स्वयं को नरक की ओर धकेल देता है लेकिन वहीं व्यक्ति पूर्ण सद्गुरु का दामन थामकर परमात्मा के गुणगान कर अपने को समर्पित करें तो उसके जीवन का कल्याण हो जाता है। ये विचार प्रवचन के दौरान निरंकारी मिशन के जोनल महात्मा श्री जगपालसिंह जी राणावत भीलवाड़ा ने आसींद में बुधवार को आयोजित हुई सत्संग में उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष व्यक्त किए। सत्संग में भीलवाड़ा से आए जोनल महात्मा श्री जगपालसिंह राणावत का आसींद निरंकारी ब्रांच के मुखी महात्मा सन्त गंगापाल जी,राकेश महात्मा,नानूराम महात्मा आसींद सहित स्थानीय सन्तो द्वारा राजस्थानी पगड़ी, दुपटटा पहनाकर स्वागत-सम्मान किया गया। सत्संग में सुखदेव जी महात्मा बोरखेड़ा,हरिचरण महात्मा,ओम महात्मा भीलवाड़ा सहित अन्य सन्तो ने गीत-विचार प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को सदमार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। सत्संग में गोटा,बालापुरा,रूपपुरा,मोड़ का निम्बाहेड़ा सहित अन्य गांवों के श्रद्धालुओं ने भाग लिया।