Homeस्मार्ट हलचलमंदिर में जाना , दीपक जलाना , कथा सुनना एवं पूजा पाठ...

मंदिर में जाना , दीपक जलाना , कथा सुनना एवं पूजा पाठ पढ़ना ही भक्ति नहीं है , भक्ति तो हेतु रहित है : साध्वी सुहृदय गिरी

बिजोलिया : कस्बे के नेशनल हाइवे 27 स्थित श्री जी रिसॉर्ट में चल रही सात दिवसीय भागवत कथा के दूसरे दिन साध्वी सुहृदय गिरी ने कहा की बांट कर खाना ही प्रसाद है बटोरना विषाद बन जाता है । साध्वी ने श्रद्धालुओं को कहा कि जब पहले हमारे घरों में चूल्हे में खाना बनता था तो हम भोजन को चकने से पहले उसे अग्नि देवता को चढ़ा देते है , पहली रोटी गाय की अंत में बची रोटी चिड़ियों और कुत्ते के लिए निकाल देते है। जिससे जो कुत्ते भोंकते थे वो भी अराजकता नहीं फैला कर हमारे द्वार के रक्षक बन बैठ जाते है । यही संस्कार भारत को अन्य देशों से अलग करता है , हम किसी भी कोने मे चले जाए लेकिन हमारे संस्कार से लोग हमे पहचान लेते है । साध्वी गिरी ने इस दौरान भक्ति का अर्थ भी समझाया उन्होंने कहा की मंदिर में जाना , दीपक जलाना , कथा सुनना एवं पूजा पाठ पढ़ना ही भक्ति नहीं है , भक्ति तो हेतु रहित है । जब किसी को आपकी बहुत जरूरत है और वो आपका कुछ नहीं लगता है और आप उसकी जरूरत को पूरी कर दे । जब कोई बहुत दुख में हो और आपका सगा संबंधी नहीं हो और आप उसकी सहायता करते हो तो भक्ति वो कहलाती है । साध्वी ने कहा परमात्मा तो कृपा करने वाले हैं , दयालु है , जो भगवान को भाव भरी नजरों से पुकारता है परमात्मा उसका हो जाता है , परमात्मा से संसार नहीं माँग कर परमात्मा को ही जो माँग लेता है तो सारा संसार उसके पीछे-पीछे हो जाता है । भागवत कथा के दूसरे दिन सुखदेव महाराज एवं परीशीत महाराज की आकर्षक झाकी सजाई गई । श्रदालुओं द्वारा आरती के बाद प्रसाद वितरण हुआ ।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
logo
AD dharti Putra
RELATED ARTICLES