मुकेश खटीक
मंगरोप।कस्बे में राशन की एक सरकारी दुकान पर कालाबाजारी का खेल सामने आया है।जहां राशन डीलर पर लोगों के हिस्से का राशन गबन करने का आरोप लगाया है।इससे आमजन को सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।उपभोक्ताओं का कहना है कि सरकारी राशन डीलर सरकारी मूल्य पर मिलने वाले गेहूं की कालाबाजारी कर थोक के भाव में अन्य दुकानदारों को माल सप्लाई कर रहे हैं।नतीजतन,जरूरतमंद गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं को कई बार खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
किरो की झोपड़ियां निवासी महिला उपभोक्ता पुष्पा किर ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि वह बुधवार को तीन किलोमीटर दूर से पैदल चलकर कस्बे के सदर बाजार स्थित एक राशन दुकान पर गेहूं लेने गई थी।वहां डीलर ने उसे दुकान पर सामान देने के बजाय अपने घर बुलाया।महिला के अनुसार जब वह घर पहुँची तो डीलर ने मशीन पर उसका अंगूठा लगवा लिया लेकिन राशन नहीं दिया।डीलर ने यह कहकर टाल दिया कि“अगले महीने राशन मिलेगा।पुष्पा किर का कहना है कि यदि अगले महीने भी राशन नहीं मिला तो उसका हक मारा जाएगा।हम गरीब लोगों के लिए सरकार यह सुविधा देती है,लेकिन डीलर लोग इसे बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं और हमें अधिकार से वंचित कर रहे हैं।ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है।कई बार डीलर अंगूठा लगवाकर राशन रोक लेते हैं और बाद में अनाज बाजार में बेच देते हैं।थोक में गेहूं बिकने से अनाज के थोक व्यापारियों को सीधा फायदा पहुंच रहा है जबकि वास्तविक हकदारों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग क है कि ऐसे डीलरों पर सख्त कार्रवाई की जाए तथा प्रत्येक उपभोक्ता को समय पर पूरा राशन उपलब्ध कराया जाए।साथ ही मशीन में अंगूठा लगने के तुरंत बाद उपभोक्ताओं को तय मात्रा में अनाज मिलना सुनिश्चित किया जाए,ताकि कालाबाजारी पर अंकुश लगाया जा सके।