मुकेश खटीक
मंगरोप।क्षेत्र में यूरिया खाद की किल्लत और कालाबाजारी के खिलाफ मंगलवार देर रात किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। सहकारी समिति में नियमित रूप से खाद उपलब्ध नहीं होने से परेशान किसानों ने कस्बे में यूरिया डीलरों की मनमानी कीमतों के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि यूरिया की सरकारी दर 266 रुपये प्रति बोरी होने के बावजूद डीलर इसे 450 रुपये तक में बेच रहे हैं,जिससे फसल बुआई के समय पर किसान आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं।किसान हरीश किर और गोपाल किर ने बताया कि कस्बे में करीब सात यूरिया डीलर सक्रिय हैं,जो खुलेआम नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए मनमाने दाम वसूल कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि रबी सीजन में गेहूं, जौ, चना, मटर और सरसों जैसी फसलों की बोआई हो चुकी है,और इस समय यूरिया की अत्यधिक जरूरत रहती है।लेकिन हर साल की तरह इस बार भी किसान खाद के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।किसानों ने आरोप लगाया कि शासन–प्रशासन की अनदेखी के कारण कालाबाजारी पर रोक नहीं लग पा रही है। “हर बार किसान को अपने हक का खाद लेने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन अब तक किसी भी सरकार ने किसानों की इस मूल समस्या का स्थायी समाधान नहीं किया है।किसानों ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रशासन ने तत्काल यूरिया की सप्लाई नियमित नहीं की और कालाबाजारी पर कड़ी कार्रवाई नहीं की,तो किसान आगामी चुनावों का सामूहिक बहिष्कार करने पर मजबूर होंगे।प्रदर्शन में गोपाल किर, सांवरमल किर, लक्ष्मण माली, चीनू गुर्जर, ओमप्रकाश माली, हीरालाल किर, नरेश गोस्वामी सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे। सभी ने एकस्वर में प्रशासन से मांग की कि यूरिया वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जाए और दोषी डीलरों पर कठोर कार्रवाई की जाए।कृषि सहायक अभियंता विनोद कुमार जैन ने बताया कि कस्बे में यूरिया की पूर्व में भी कालाबाजारी की शिकायतें मिली थी बुधवार को टीम भेजकर जांच करवाई जाएगी दोषी डीलरो पर उचित कार्रवाई की जाएगी।


