मुकेश खटीक
मंगरोप।भीलवाड़ा जिले में मंगरोप ग्राम पंचायत सरकार की सबसे बड़ी राजस्व आय का क्षेत्र है जहां बजरी,पत्थर,खड़ी की खदान,बालू मिट्टी सहित सरकार कों राजस्व देने वाले कई विशालकाय आय के स्त्रोत उपलब्ध है लेकिन गांव के वासिंदो के लिए सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की मुलभुत सुविधाएं उपलब्ध नहीं है गांव में सर्व जाति सहित करीब 7 हजार लोगों की आबादी बसी हुई है।यहां के लोगों नें पिछली सरकार से भी कई बार गांव में पर्याप्त मुलभुत सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग की गई थी लेकिन पिछली सरकारों नें भी लोगों से केवल समय के साथ सरकार भी बदल गई लेकिन लोगों की आस व गांव की बदहाली पर सरकार के वादों के पूरा होने का मरहम अब तक नहीं लग पाया है।ग्रामीणों का कहना है की 85 फीसदी हिन्दु आबादी वाले क्षेत्र में एकमात्र सालों पुराना जर्जर शमशान घाट है जिसका निर्माण भी करीब 1974 के आसपास हुआ था लेकिन वहां शुरू से ही मधुमखियों नें अपना डेरा जमा लिया था जिससे उसका उपयोग न के बराबर हों पाया है कई बार लोगों नें वहां पर किया भी था लेकिन मधुमखियों के हमले से दर्जनों बार कई लोग घायल हों चुके है।अब तों आलम यह है की बरसात के मौसम में शव के दाह संस्कार के लिए घंटों तक बारिश रुकने का इंतजार करना पड़ता है।द मूवमेन्ट ऑफ इण्डिया फाउण्डेशन के अध्यक्ष दयाराम दिव्य नें बताया की भीलवाडा जिले के कई ग्राम पंचायत मुख्यालयों एवं अन्य गांवो में सालों से बने श्मशान घाट के आसपास बबूल एवं कंटिले झाड उगे हुए है जिससे लोगों कों दाह संस्कार के समय शव जलाने ओर इस दौरान बैठने के लिए पर्याप्त जगह मिलना भी मुनासिब नहीं है।इन गांवो में विकास एवं सुविधाओं के नाम पर कोरी लीपा-पोती की जा रही है कई गांवो में तों शमशान घाट जीर्णोद्धार के नाम पर लाखो रूपये उठाकर घपला किया गया है मौके पर कोई भी मूलभूत सुविधाऐ उपलब्ध नहीं है वर्तमान समय में ज्यादातर शमशान अतिक्रमण,भेदभाव एवं भ्रष्टाचार की चपेट में है।फाउण्डेशन नें जिले के श्मशान घाट की व्यवस्था सुधार कर उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन को भीलवाडा सहित प्रदेश भर में ग्राम पंचायत मुख्यालयो पर एवं अन्य गांवो में स्थापित शमशान घाट के लिए सुविधाऐं व भूमि उपलब्ध करवाने सहित सुधार की मांग की है।दिव्य ने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि भीलवाडा जिले में प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं छोटे बडे गांवो एवं कस्बो में शमशान घाट के निर्माण के नाम पर कुछ कुटिल मानसिकता वाले लोगो ने मरणोपरांत मृतात्मा लोगों के अन्तिम शरण स्थली मुक्ति धाम को भी भ्रष्टाचार की चपेट में लेकर सारी हदें पार कर दी है।जिले में बनास नदी के दोनो मुहानो पर बसे गांव के मुख्य शमशान जो अबतक नदी क्षैत्र में हों रहे अवैध बजरी दोहन से खत्म हो चुके है।कई जगह ग्राम पंचायतो द्वारा नदी के तट पर शमशान घाट के नाम पर लाखो रूपये लगाकर घटिया निर्माण किया है जो कुछ जगहो को छोडकर वर्तमान में अनुपयोगी साबित हो रहे है।फाउंडेशन नें जिले के सुवाणा ब्लाक में स्थित सभी ग्राम पंचायतो पर स्थापित शमशान घाटो की व्यवस्था सुधारने,नवीनीकरण एवं इसमें आ रही बाधाओं को दूर कर आम जनता को राहत पहुंचाने की मांग की है।