ओम जैन
शंभूपुरा।स्मार्ट हलचल/प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाने वाली सन 1857 की क्रांति की प्रणेता, रामगढ़ मंडला की रानी, अमर शहीद वीरांगना महारानी अवंती बाई लोधी के 167वें बलिदान दिवस पर युवा क्षत्रिय लोधा समाज विकास समिति चित्तौड़गढ़ ने सैंती में गली नं. 7 के यहाँ अमर शहीद वीरांगना महारानी अवंती लोधा सर्किल पर दीप प्रज्वलित व पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
समाज सेवी शिवप्रकाश लोधा ने बताया कि देश को आजाद कराने में हजारों क्रांतिकारियों का बलिदान रहा है जिसमें मध्यप्रदेश के रामगढ़ मंडला की महारानी अमर शहीद वीरांगना महारानी अवंती बाई लोधी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके 167वें शहीद दिवस पर सभी समाजजनों ने पुष्प माला, दीप प्रज्वलित कर श्रद्धांजलि दी। वीरांगना महारानी अवंती बाई 1857 के रेवांचल के मुक्ति आन्दोलन की सूत्रधार थी। अंग्रेजो के कईं प्रलोभन को ठुकरा कर सेनानी बनी। अंग्रेजों को नंगे पांव युद्ध स्थल से भागना पड़ा। महारानी अवंती बाई ने अंग्रेजों से युद्ध के दौरान राजाओं को चिट्ठी लिखी, चूड़ियां और सिंगार भेजा। नारी साहस को देखकर राजाओं में ऊर्जा का संचार दिखा। अंग्रेजों के जीते जी पकड़ने के मंसूबे को महारानी अवंती बाई ने चकनाचूर कर दिया और अपनी वीरता की छाप छोड़ कर क्रांति को पूरे भारत में फैलाने में महत्ती भूमिका निभाई।
इस दौरान प्रांतीय उपाध्यक्ष शिव प्रकाश लोधा, सोहन लोधा लालजी का खेड़ा, नारू लोधा लक्ष्मीपुरा, रामलाल बिलिया, राजकुमार पंचवटी, बदरी मानपुरा, रामराज चन्देरिया, दुर्गाशंकर धनेतकलां, हरीश घोसुंडा, चुनीलाल, रमेश, जसराज, कालू, ईश्वर, गोरधन, फुलचंद, राजेंद्र, चांदमल, नारू, लोकेश, शंकर, अशोक, मिठू , प्रकाश, देवीलाल, लोकेश आदि उपस्थित रहे।