रणवीर सिंह चौहान
स्मार्ट हलचल / भवानी मंडी/भवानीमंडी, 30 मई 2025: सिख धर्म के पांचवें गुरु, श्री गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी दिवस आज गुरुद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा, भवानीमंडी में पूर्ण श्रद्धा और सत्कार के साथ मनाया गया। इस अवसर पर संगत ने एकत्रित होकर गुरु साहिब के बलिदान और उनके द्वारा सिख धर्म के लिए किए गए अतुलनीय योगदान को याद किया।
श्री गुरु अर्जुन देव जी, जिन्हें “शहीदा दे सरताज” के रूप में जाना जाता है, ने सिख धर्म के सिद्धांतों को स्थापित करने और संगत को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की रचना की, जिसमें न केवल सिख गुरुओं की बाणी, बल्कि विभिन्न संतों और भक्तों की रचनाओं को भी संकलित किया गया। गुरु साहिब ने अमृतसर में श्री हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) की नींव रखी, जो आज सिख धर्म का केंद्रीय तीर्थ स्थल है। उनके शांतिपूर्ण और समावेशी दृष्टिकोण ने सिख धर्म को एक नई दिशा प्रदान की।
1606 में, मुगल सम्राट जहांगीर के आदेश पर गुरु साहिब को अमानवीय यातनाएं दी गईं, फिर भी उन्होंने सत्य और धर्म के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। उनका यह बलिदान सिख इतिहास में सत्य, धैर्य और निष्ठा का प्रतीक बना।गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, भवानीमंडी में पिछले 40 दिनों से चल रही श्री सुखमनी साहिब जी के पाठ की लड़ी का समापन आज 30 मई को प्रातः 11 बजे अंतिम पाठ के साथ हुआ।
इस अवसर पर विशेष दीवान सजाया गया, जिसमें संगत ने एकत्रित होकर 51 पाठ किए। संगत ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी श्रद्धा के फूल गुरु साहिब के चरणों में अर्पित किए। साथ ही पिछले माह गुरुमुखी और दस्तार सीखने वाले बच्चों को भी सम्मानित किया गया ।
इस पवित्र अवसर पर सिख समाज द्वारा सामाजिक सेवा के भाव से स्टेशन और शहर के मुख्य चौराहों पर ठंडी छबील की सेवा की गई, जिसमें राहगीरों को शरबत वितरित किया गया। इसके उपरांत, सभी के भले की अरदास की गई और गुरु का लंगर संगत में वितरित किया गया। अध्यक्ष प्रीतपाल सिंघ जी ने प्रबंधक कमेटी, गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, भवानीमंडी की और से सभी संगत और सहयोगियों का हृदय से आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया। कमेटी ने यह भी प्रार्थना की कि गुरु साहिब की कृपा से सभी में सेवा, सिमरन और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा बनी रहे।