सुनील बाजपेई
कानपुर।स्मार्ट हलचल|महिलाओं की मातृत्व और सामाजिक सुरक्षा को लेकर सुरक्षा को लेकर अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) भी बहुत चिंतित है। उसने आयोजित हुई कार्यशाला में प्रस्तावना 183 के तहत केन्द्रीय ट्रेड यूनियन के साथ मिलकर इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भी भेजी है।
हिंद मजदूर किसान पंचायत के राष्ट्रीय महामंत्री और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठनके नेताओं में से एक राकेश मणि पांडे ने भेजी गई रिपोर्ट पर शीघ्र ही प्रभावी कदम उठाए जाने की मांग करते हुए बताया कि मजदूर और महिलाओं के हित में बहुत महत्वपूर्ण कार्यशाला में कामकाजी महिलाओं के मातृत्व सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए व्यवहारिक कथनों पर सहमति बनाने के लिए सभी केन्द्रीय श्रमिक संगठन एक साथ आये हैं। जो कि संयुक्त अनुसंशा इस मुद्दे को राष्ट्रीय एजेण्डा में बनाये रखने के लिए सामाजिक संवाद को गहरा करने और व्यवहारिक सुरक्षा में सुधार सम्बन्धित हित धारकों के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
कार्यशाला के दौरान मातृत्व सुरक्षा के मुख्य तथ्यों, छुट्टी, नगद, एवं चिकित्सा लाभ, कार्य स्थल सुरक्षा, रोजगार संरक्षण स्तन पान सहायता के बारे में समझ और विचार किये जाने की जानकारी देते हुए
नेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन (एन एफ आई टी यू) के केन्द्रीय सचिव एवं उत्तर प्रदेश के महामंत्री वरिष्ठ श्रमिक नेता राकेश मणि पांडे ने बताया कि इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में औपचारिक व अनौपचारिक श्रमिकों तथा भारत में काम करने वाले कर्मचारियों को प्रभावित करने वाले मुख्य स्थितियों पर भी चर्चा करने के साथ ही सी-183 अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के पारित सम्मेलन पर कार्यवाही व संवाद को जारी रखने का प्रयास किया गया।
उन्होंने बताया कि इस सार्थक प्रयास में आईएलओ कनवेन्सन 183 के अनुसमर्थन को बढ़ावा, और कानूनी अन्तर विश्लेषण से समावेशी मातृत्व सुरक्षा में दबाव डालना तथा प्रगति में निगरानी करना ,राज्य व केन्द्र सरकार के स्तरों पर एकीकृत आवास सुनिश्चित किया जाना, निर्माण घरेलू कार्य, गिग/प्लेटफार्म कार्य तथा राज्य व मंत्रालय जैसे संवेदनशील परिस्थितियों में काम करने वाली महिला श्रमिकों की उपयोग साक्ष्य जुटाने सर्वोत्तम प्रथा को मॉडल बनाने, व्यापक परिवर्तन के लिए ट्रेड यूनियनों के भीतर जागरूकता, प्राथमिकता बढ़ाने, संगठन के प्रतिनिधित्व में संरक्षित करने, सामूहिक सौदेबाजी में शक्ति का विस्तार करने , इसके लिए सुरक्षा प्रशिक्षण को आगे बढ़ाने, के साथ ही सामाजिक प्रतिनिधियों के लिए ब्रिफिंग किया जाना सम्मिलित है। मजदूर और महिलाओं की समस्याओं को लेकर इस कार्यशाला में लिए गए निर्णय से अवगत कराते हुए नेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन (एन एफ आई टी यू) के केन्द्रीय सचिव एवं उत्तर प्रदेश के महामंत्री राकेश मणि ने बताया कि इसके लिए स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण व प्रचार प्रसार जागरूकता बढ़ायी जायेगी। जिससे इसका लाभ महिला कामगारों को मिल सके और उन्हें अपने अधिकारों की जानकारी हो सके।
अंतर राष्ट्रीय श्रम संगठन की इस महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने वाले नेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन (एन एफ आई टी यू) में उत्तर प्रदेश के महामंत्री वरिष्ठ श्रमिक नेता राकेश कुमार पांडेय ने यह भी बताया कि बैठक में मातृत्व सुरक्षा को यूनियन के एजेण्डा में जहां तक सम्भव हो सामुहिक सौदेबाजी में सम्मिलित किये जाने,प्रासंगिक परामर्श के साथ तकनीकी जानकारी क्षेत्र, स्वास्थ्य व श्रमिकों में साझा साझा किये जाने, उनकी जांच सुरक्षा व सहायता को प्राथमिकता दिए जाने की प्रतिबद्धता को भी दोहराते हुए नियोजकों के साथ सरकार की नीतियों व सामाजिक संवाद व जमीनी स्तर पर कार्यवाही की आवश्यकता भी बताई गई।
इस बैठक के साथ ही आई एल ओ के राष्ट्रीय कार्यालय भी पहुंचे नेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन (एन एफ आई टी यू) के केन्द्रीय सचिव एवं उत्तर प्रदेश के महामंत्री राकेश मणि पाण्डेय ने भी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के दो – दो अन्य प्रतिनिधि श्रमिक नेताओं के साथ मिलकर एक रिपोर्ट भी साझा करते हुए उस पर सरकार से जल्द से जल्द कार्रवाई किए जाने की जोरदार मांग की है।