“जिला कलक्टर ने ली चिकित्सा विभाग एवं नगर निगम अधिकारियों की बैठक
मच्छरों की रोकथाम के लिए प्रशासन के साथ आमजन की भागीदारी आवश्यक: जिला कलक्टर
शशिकांत शर्मा
भरतपुर।स्मार्ट हलचल।जिले में मच्छर जनित मौसमी बीमारियों की प्रभावी रोकथाम एवं नगर निगम क्षेत्र में कचरा प्रबंधन के सम्बंध में जिला कलक्टर डॉ.अमित यादव की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गई।जिला कलक्टर ने कहा कि जिले में मच्छरजनित बीमारियां मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया के नियंत्रण व बचाव के लिए चिकित्सा विभाग स्थानीय निकायों के साथ समन्वय कर आमजन को जागरूक करें तथा मच्छरों का लार्वा नष्ट करने व कचरा प्रबंधन में स्थानीय नागरिक संगठनों का सहयोग लें। उन्होंने मलेरिया नियंत्रण के लिए चिकित्सा विभाग के साथ अन्य विभागों के अधिकारियों को मलेरिया रोकथाम के जरूरी उपायों पर गम्भीरतापूर्वक अमल करने के निर्देश दिए। उन्होंने नगर निगम व चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी देते हुए जिले में मलेरिया को जड़ से खत्म करने हेतु सक्रियता व समन्वय के साथ कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने ठहरे हुए पानी में मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए गम्बुसिया मछली को डालकर आसपास के नागरिकों को जलभराव क्षेत्रों में कचरा नहीं डालने के लिए पाबंद करने के निर्देश दिये। उन्होंने नालों के गंदे पानी में पैदा होने वाले लार्वा को नष्ट करने के लिए एमएलओ के छिड़काव सहित अन्य उपायों के प्रयोग करने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि नगर निगम एवं स्थानीय निकाय अपने-अपने क्षेत्रों में समय-समय पर फॉगिंग कर मच्छरों के समूल सफाये के लिए संकल्पित होकर कार्य करें।
आमजन को बनायेंगे भागीदार*
जिला कलक्टर ने कहा कि जिले में मच्छरों की रोकथाम के लिए प्रशासन के साथ आमजन की सहभागिता भी आवश्यक है। आमजन को मच्छरजनित बीमारियों के कारणों सहित लार्वा पैदा होने वाले सम्भावित जगहों के बारे में जागरूक कर साफ-सफाई रखने के बारे में प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि आमजन नगर निगम के कचरा गाड़ी में ही कचरा डालें, खुले में कचरा न फेंकें साथ ही घर के आसपास नाली व सड़क पर ठहरे हुए पानी की नियमित सफाई करें, यह सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि जिलेवासी घरों में लगी टंकियों को ढक कर रखें एवं बड़े बर्तनों व गमलों में भी पानी इकट्ठा न होने दें साथ ही कूलरों एवं कंटेनरों की भी नियमित सफाई रखें। उन्होंने कहा कि आमजन ठहरे हुए पानी में लार्वा को नष्ट करने के लिए उपयोग हो चुके मॉबीऑयल का छिड़काव व नमक का इस्तेमाल भी कर सकते हैं एवं आवश्यक होने पर लार्वा एकत्रित स्थानों की जानकारी नगर निगम के अधिकारियों को देकर लार्वा को नष्ट करायें।