लाखेरी – स्मार्ट हलचल|कोटा–दौसा मेगा हाईवे इन दिनों यात्रियों के लिए परेशानी का पर्याय बनता जा रहा है। मंगलवार को भी हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया, जिससे वाहन घंटों तक रेंगते रहे। तेज रफ्तार वाहनों, लगातार हो रहे हादसों और अव्यवस्थित ट्रैफिक नियंत्रण के कारण हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि हाईवे पर जाम लगना अब रोजमर्रा की समस्या बन चुकी है, लेकिन राहत के नाम पर कोई ठोस कदम अभी तक नज़र नहीं आता। सुबह करीब 9 बजे भारी वाहनों की अचानक बढ़ी संख्या और एक ट्रक के खराब हो जाने से जाम लगना शुरू हुआ। कुछ ही देर में यह जाम कई किलोमीटर तक फैल गया। स्कूल बसें, दफ्तर जाने वाले लोग, एंबुलेंस तक इस जाम में फँस गईं। तेज धूप और लंबी प्रतीक्षा से लोगों में भारी आक्रोश देखा गया।
स्थानीय लोगों और नियमित यात्रियों का कहना है कि इस मार्ग पर पिछले कई महीनों से हादसे लगातार हो रहे हैं। हाईवे पर जगह-जगह गड्ढे, असमान सड़क, ओवरलोड ट्रक, गलत दिशा में चलने वाले वाहनों और पुलिस की अपर्याप्त व्यवस्था के कारण दुर्घटनाएँ बढ़ गई हैं। हादसों के कारण जाम और भी लंबा हो जाता है, जिससे दिनभर यातायात ठप रहता है।
यात्रियों ने बताया कि कई बार पुलिस और प्रशासन से शिकायत की गई, लेकिन सुधार के कदम न के बराबर दिख रहे हैं। “हम रोजाना जाम से जूझ रहे हैं, छोटे-बड़े हादसे आम हो गए हैं, लेकिन न तो सड़क सुधरती है और न ही ट्रैफिक व्यवस्था,” एक वाहन चालक ने नाराज़गी जताई।
स्थानीय व्यापारियों ने भी चिंता जताई कि लगातार जाम से उनकी दुकानें और व्यवसाय प्रभावित हो रहे हैं। कई बार तो ग्राहक घंटों जाम में फँसने के कारण वापस लौट जाते हैं। एंबुलेंस और मरीजों को ले जाने वाले वाहनों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक मानी जा रही है।
हाईवे से गुजरने वाले लोगों ने प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की है, जिसमें सड़क मरम्मत और गड्ढों को भरने का काम, ओवरलोड वाहनों पर सख्त नियंत्रण, ट्रैफिक पुलिस की पर्याप्त तैनाती, हाईवे पर ब्लैक स्पॉट की पहचान कर सुधार कार्य
शामिल हैं।
यात्रियों का कहना है कि जब तक प्रभावी और स्थायी समाधान नहीं किया जाता, तब तक इस हाईवे पर लोगों की मुसीबतें कम होना मुश्किल है। सड़क किनारे गांवों के लोगों ने बताया कि एक्सप्रेस वे के वाहनों से हमारी मुश्किलें बढ़ गई, हमेशा हादसे का डर लगा रहता है। रोजाना सैकड़ों भारी वाहन निकलते हैं, तो तेज रफ्तार से चलते हैं। लाखेरी उपखंड क्षेत्र में रोजाना हादसे हो रहे हैं, जिसके बाद भी प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।


