बूंदी- स्मार्ट हलचल/ अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रांतीय आह्वान पर कर्मचारियों की ओर से 11 सूत्री मांग पत्र के समाधान के लिए एवं आरजीएचएस योजना में की जा रही कटौतियों के विरोध में आज 9 जुलाई को जिला स्तरीय प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन को ज्ञापन सोपा।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ जिलाध्यक्ष सत्यवान शर्मा ने बताया कि अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ का राष्ट्रीय मांग पत्र पर राष्ट्रव्यापी धरना-प्रदर्शन, हड़ताल आज पूरे देश में व्याप्त है। इसके साथ ही अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ का मांग पत्र भी सरकार के स्तर पर लम्बित है लेकिन शासन एवं सरकार की ओर से महासंघ के मांग पत्र की लगातार उपेक्षा की जा रही है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के कर्मचारियों के स्वास्थ्य सम्बन्धी अधिकारों की सुरक्षा की महत्वपूर्ण योजना आरजीएचएस में भी लगातार कटौतियां की जा रही हैं। आरजीएचएस योजना के मूलस्वरूप में बहुत अधिक परिवर्तन करते हुए प्रदेश के सेवारत एवं सेवानिवृत कर्मचारियों/अधिकारियों को चिकित्सा सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। इससे प्रदेश के कर्मचारियों में शासन एवं सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त है। महासंघ की ओर से सरकार की संवदेनहीनता एवं संवादहीनता के विरोध में आज यह ज्ञापन सौंपा गया है। कर्मचारी महासंघ के जिला मंत्री गोपाल लाल वर्मा ने बताया कि कर्मचारी बस और वैष्णो देवी मंदिर से रैली के रूप में अपने-अपने संघ के झंडे बैनर लेकर जिला कलेक्ट्रेट में एकत्रित हुए। जिसमें मुख्य रूप से संयुक्त महासंघ के मुख्य संरक्षक पुरूषोत्तम पारीक,लीलाधर मिश्रा,सुरेंद्र सिंह सोलंकी, राजस्थान आयुर्वेद परिचारक संघ से जिलाध्यक्ष हीरालाल सैनी, राजस्थान पंचायती राज एवं माध्य.शिक्षा संघ से जिलाध्यक्ष गोपाल मीणा,विरेन्द्र कुमार मीणा,रमेश कुमार शर्मा,, राजस्थान अधीनस्थ कर्मचारी संघ(आर्थिक एवं सांख्यिकी) से महेश वर्मा, राजस्थान पंचायती राज अतिरिक्त एवं सहायक विकास अधिकारी संघ से जिलाध्यक्ष राजेश कुमार गौत्तम,महासंघ जिला मंत्री गोपाल लाल वर्मा,संतोष गोपाल सिंह, राजस्थान एलएचवी /एएनएम संघ ऑफ राजस्थान से प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नफीसा बानो,जिलाध्यक्ष सोनाली गुप्ता,शबनम आरा, राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ से जिलाध्यक्ष रामप्रसाद गोचर, विष्णु श्रृंगी,राजस्थान काननूगो संघ से २याम गोयल, राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष अमृत सोलंकी ,अतिरिक्त ग्राम विकास अधिकारी संघ से रामकुमार जोशी ,रशीद मोहम्मद, कृषि पर्यवेक्षक संघ से लादू लाल मेघवाल ,शिव प्रकाश मीणा, लोकेश मीणा ,राजाराम गोचर, चांदमल मीणा, सहायक कर्मचारी संघ से अनिल कुमार शर्मा राजस्थान राज्य अधीनस्थ कम्प्यूटर कर्मचारी संघ, से जिलाध्यक्ष धमेन्द्र जांगिड ,कुलदीप मेहरा, दिलीप शर्मा प्रमोद वर्मा मंत्रालय संघ से देवेंद्र सिंह हाडा महिपाल सिंह हाडा कृषि पर्यवेक्षक संघ से राकेश वर्मा, कन्हैयालाल वर्मा, पंचायती राज प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ से वीरेंद्र कुमार मीणा,सहायक कर्मचारी संघ से नागेंद्र सिंह शंभू लाल,राधेश्याम आदि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर महासंघ के जिलाध्यक्ष सत्यवान शर्मा ने कहा कि पीएफआरडीए क़ानून निरस्त करते हुए राज्य कर्मचारियों के 53000 करोड रुपए वापस जीपीएस में खाते में जमा कराने, सभी संविदा कर्मियों को स्थाई कर्मचारी का दर्जा देकर न्यूनतम वेतन 26000 रुपए किए जाने की पुरजोर मांग की।
उपाध्यक्ष वीरेंद्र मीणा ने कहां की 2013 में मूल वेतन दिया गया था उसे पुनः बहाल किया जाए और जनवरी 2020 से माह जून 2021 तक के महंगाई भत्ते का एरियर का नगद भुगतान किए जाने,कर्मचारियों को अपनी सेवा काल में 7-14,21, 28,32 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का वेतनमान स्वीकृत किए जाने, प्रत्येक विद्यालय में शारीरिक शिक्षकों के पद सृजीत करने,सहायक कर्मचारी के पद भरने, मंत्रालिक कर्मचारियों को शासन सचिवालय के समान वेतन भत्ते देने,महासंघ से संबंध घटक संगठनों की मांगों को तुरंत हल करने राजस्थान के लाखों कर्मचारियों को तृतीय श्रेणी अध्यापकों को सहित सभी के लिए स्थाई स्थानांतरण नीति बनाने,आरजीएसएच स्कीम के तहत की जा रही कटौती बंद कर उसे मजबूत करने,सरकारी विभागों व c सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम के निजीकरण पीपीपी मॉडल पर देने पर रोक लगाने,शिक्षा नीति 2020 रद्द करने, पुलिस सेवा के कार्मिकों को आपातकालीन सेवा कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश देने, आठवें वेतनमान को लागू करने, राज्य का अलग वेतन आयोग गठित करने,संविदा ठेका व अनियमित कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों का दर्जा देकर वेतनमान देने जैसी प्रमुख मांगे उठाई गई।