मुख्यमंत्री के नाम उप खण्ड अधिकारी को दिया ज्ञापन।
टोंक जिले के गांव समरावता में उपचुनाव के दिन हुए घटनाक्रम में निर्दोष लोगों की रिहाई मांग की।
नीरज मीणा
मंडावर।स्मार्ट हलचल/उपखण्ड मुख्यालय पर सोमवार को बड़ी संख्या में युवाओं ने उपखण्ड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। जानकारी अनुसार दोपहर को भूडा मोड़ से बड़ी संख्या में युवा रैली के साथ मैंन मार्केट होते हुए नरेश मीणा को रिहा करो, इंकलाब जिंदाबाद, पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए उपखण्ड मुख्यालय पहुंचे। जहां टोंक जिले के समरावता गांव में हुए नुकसान का मुआवजा दिए जाने व नरेश मीणा की रिहाई को लेकर मुख्यमंत्री से ज्ञापन के माध्यम से अपनी मांग रखी। ज्ञापन में बताया कि सोशल मिडिया व अखबारों के माध्यम से मिली जानकारी जो कि प्रदेश के लिए बहुत ही दुर्भाग्य घटना है।
गांव व प्रदेश में भय का माहौल है। लोकतंत्र में जनता जनार्दन है उक्त गांव समरावता जो कि पहले उपखण्ड उनियारा में आता था बाद में राजस्थान सरकार द्वारा जरिये अपने प्रपत्र आदेश के द्वारा उक्त गांव समरावता को देवली उपखण्ड में शामिल कर दिया गया था। स्थानीय ग्रामवासी द्वारा समरावत्ता को उनियारा में जोड़ने की मांग को लेकर सामुहिक रुप से उप चुनाव में अपना मतदान नहीं करने का निर्णय लिया गया। उक्त धरना प्रदर्शन में देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा सम्मिलित हुए एवं प्रशासन से गांव समरावता को उपखण्ड उनियारा में सम्मिलित किया जाने की मांग की। धरना प्रदर्शन मौके पर पोलिंग बूथ से उचित दूरी पर शान्ति पूर्ण तरीके से ग्रामीण द्वारा लोकगीतों को गाया जाकर किया जा रहा था। इसी दरमियान उक्त पोलिंग बूथ गांव समरावता में ड्यूटी पर उपस्थित अमित चौधरी आर.ए.एस. हॉल उपखण्ड अधिकारी द्वारा उक्त गांव की एक आशा सहयोगिनी व दो अन्य लोगों पर दबाव बनाकर मतदान करवाया गया। उक्त बात की नाराजगी को लेकर निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा आवेश में आकर आर.ए.एस. अधिकारी का मतदान के सम्बन्ध में पता कर पोलिंग बूथ पर तप्पड़ जड़ दिया जो कि नरेश मीणा की होश व आपा खोने की स्थिती को देखते हुए स्वभाविक था। उक्त घटना के बाद भी धरना स्थल पर धरना निरन्तर रात्री 8 बजे तक चलता रहा। उसके बाद उक्त नरेश मीणा के कृत्य से प्रशासन अधिकारी व पुलिस अधिकारी अन्यायिक व असवैधानिक कार्यवाही करते हुए धरना स्थल पर पहुंच कर मय पुलिस जाप्ता स्थानीय ग्रामीणों व धरना स्थल पर खाना खा रहे नरेश मीणा सर्मथकों पर आंशु गैस के गोले दागे, हवा फाईरिंग की वैवजह सीधे साधे ग्रामीणों, महिलाओं, बच्चों व नरेश मीणा समर्थकों पर लाठी चार्ज किया गया जो कि प्रशासनिक व पुलिस अधिकारीयों, कर्मचारियों द्वारा की गई अन्यायिक, असवैधानिक व हठधर्मिता पूर्वक कार्य था। जिसकी कड़े शब्दों में जितनी निन्दा की जाये उतनी कम है एवं मौके पर पुलिस प्रशासन द्वारा दागे गये आंशु गैस के गोलो से आग उत्पन्न हुई या आग पुलिस प्रशासन द्वारा वहां पर खड़े नरेश मीणा समर्थकों के निजी वाहनों व ग्रामीणों के निजी वाहनो में आग लगाई गई जो कि उक्त घटना को त्रासदी रुप देने की कार्यवाही अपनी हठधर्मिता सोच से दी गई। जिसका अन्जाम मौके पर गांव समरावता लोह लुहान व धरना स्थल पर सम्मिलित ग्रामीणों व समर्थको में मची भगदड़ से उत्पन्न स्थिती को पुलिस प्रशासन द्वारा मौत का मंजर बना दिया गया। उक्त कार्यवाही से उत्पन्न हुई उक्त घटना स्थल से पुलिस प्रशासन द्वारा वैवजह स्थानीय ग्रामीणों युवाओं व नरेश मीणा समर्थको को गिरफ्तार किया गया। जिनकी गिनती स्वयं पुलिस प्रशासन द्वारा ही बताई जा सकती है गिरफ्तार किये गये सभी युवा निर्दोष है गिरफ्तार किये गये किसी भी युवा द्वारा किसी भी प्रकार की कोई घटना को मौके पर घटित नहीं की गई ना ही घटना को अन्जाम देने में किसी भी प्रकार का कोई व्यक्तिगत सहयोग दिया है ऐसे में पुलिस प्रशासन द्वारा अन्यायिक व गैर सवैधानिक तरीके से गिरफ्तार किये गये सभी युवाओं को अविलम्ब रिहा किया जावे एवं दोषी अधिकारियों को अविलम्ब सस्पेंड किया जाए। वही उक्त प्रकरण के सम्बन्ध में पुलिस प्रशासन को आदेशित किया जावे कि कानूनन गिरफ्तार निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को जल्द से जल्द न्यायालय के समक्ष पेश किया जावे जिससे नरेश मीणा को सवैधानिक कानूनी कार्यवाही के तहत सम्बन्धित न्यायालय द्वारा न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जाये। वही मांग की गई प्रशासन द्वारा समरावता गांव में की गई निंदनीय पूर्ण घटना में दोषी अधिकारियों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से करवाही हो। निर्दोष लोगो को तत्काल रिहा किया जाए। गांव में जो भय का माहौल बना हुआ वहा शांति बनाने के तत्काल प्रभाव से पुलिस जाप्ता हटाया जाए। नरेश मीना के विरुद्ध सिर्फ उस मुकदमे में कार्रवाई की जाए जो गुनाह उसने किया है बाकी उसकी राजनीतिक हत्या करने के लिए अन्य मुकदमा लगाकर परेशान नहीं किया जाए। गांव में प्रशासन द्वारा जो नुकसान किया गया है उसका मुआवजा दिया जाए। प्रशासन द्वारा सोशल मिडिया पर जायज मांग करने वाले लोगों को डराया जा रहा है उसको तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए। एसडीएम द्वारा जिस महिला का हाथ पकड़ कर जबरदस्ती वोट डलवाया गया था उसके विरुद्ध एससी एसटी एक्ट के साथ महिला हत्याचार में मुकदमा दर्ज किया जाए। इस मौके पर नीरज ऊकरूंद, बलराम पाखर,रवि वीरगांव, लोकेश रायपुर,रवि मंडावर, सुभाष भीखाहेडी,बंटी, ब्रजेश जटवाड़ा,सोनू पिनान,मोहन नांदरी, सीताराम जैतपुर,जीतू गुर्जर, राज किरण नरूका सहित सैकड़ों युवा मौजूद रहे थे।