जामिया अरबिया फारुकिया मोहल्ला शाहगंज हिंडौन सिटी के उस्तादों की मेहनत का कमाल
हिंडौन सिटी/स्मार्ट हलचल|शहर के जामिया अरबिया फारुकिया मोहल्ला शाहगंज मदरसा के ज़ीशान वल्द शल्मुद्दीन ने 12 साल की उम्र में कुरआन ए करीम का हिफ्ज़ किया है। अल्लाह ताला ने इंसानों की हिदायत के लिए अपने पाक कलाम कुरआन ए करीम को नाजिल फरमाया।मुफ्ती जाहिद साहब, मुफ्ती तालिब साहब, मौलाना सलीम साहब, कारी जाहिद साहब व मजीद ने बताया कि 12 साल की उम्र एक ऐसी उम्र होती है जिसमें बच्चे खेल कूद और तालीम में मसरूफ रहते हैं लेकिन अगर कोई बच्चा इस उम्र में कुरआन को अपने दिल में महफूज़ कर ले तो यह एक बहुत बड़ी कामयाबी और अल्लाह की खास रहमत होती है।
हदीस शरीफ में आता है कि जिस शख्स ने कुरआन को याद किया और उस पर अमल किया तो कयामत के दिन उसके मां-बाप को ऐसा ताज पहनाया जाएगा जिसकी रोशनी सूरज से ज्यादा होगी (अबू दाऊद)
इससे पता चलता है कि हाफ़िज़ बनने वाला बच्चा खुद के लिए ही नहीं अपने मां-बाप के लिए भी सवाबे जारिया बनता है।
यह बच्चा जिसने सिर्फ 12 साल की उम्र में मदरसा जामिया अरबिया फारुकिया मोहल्ला शाहगंज हिंडौन सिटी में अपनी मेहनत और अपने उस्तादों की मेहनत से और मां-बाप और आप सब की दुआओं से 12 अक्टूबर 2025 बरोज इतवार को अपना आखिरी सबक हिफ्ज़ करके 12 साल की उम्र में हाफ़िज़ ए कुरआन हो गया।
अल्लाह ताला से दुआ है अल्लाह इस बच्चे को नेक और अमल करने वाला बनावें और उनके उस्ताद उनके मां-बाप को बेहतरीन बदला अता फरमाए और मदरसे को खूब तरक्की दे। मदरसा की तमाम जरूरीयात को अपने खजाने से पूरा करें।


