वर्षों से मरम्मत प्रस्ताव लंबित, खर्चे के नाम पर एक रुपया भी नहीं मिला
बनेड़ा । भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा तहसील के ग्राम पंचायत अरणिया घोड़ा के मेवदा गांव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की हालत बेहद चिंताजनक है। बरसात में विद्यालय भवन में टपकती छतें, दीवारों में दरारें और गिरते प्लास्टर बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा देते हैं। शिक्षा विभाग की लापरवाही, प्रशासनिक उदासीनता और ठेकेदारों की निष्क्रियता इस परिस्थिति को भयावह बना रही है। यदि समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो अगला हादसा कहीं और इंतजार कर रहा होगा।
मेवदा विद्यालय लगभग 30 वर्ष पुराना है और वर्तमान में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई यहां संचालित होती है, जिसमें 150 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। विद्यालय भवन की छतें इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि बारिश के दौरान सभी कमरे टपकने लगे। विद्यालय प्रबंधन स्थानीय रणजीत सिंह,नरेंद्र सिंह खंगारोत, नंद सिंह,ने बताया कि वर्ष 2024 से लगातार शिकायते कर रहे है। कुछ साल पहले प्रार्थना सभा के समय परिसर का एक हिस्सा अचानक गिर गया था। सौभाग्यवश, वहां कोई छात्र मौजूद नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।प्रधानाध्यापक राजु रत्नु के अनुसार, विगत तीन वर्षों से भवन की मरम्मत और अतिरिक्त कक्षा-कक्ष निर्माण के प्रस्ताव विभाग को भेजे जा रहे हैं। दो , लेकिन निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। शुक्रवार को मेवदा ग्रामवासियों द्वारा उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को विधालय भवन को दुरुस्त कर नया विधालय भवन बनाने के लिए ज्ञापन दिया। ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया की विधालय भवन पुरी तरह पुट चुका है दिवारो में दरारें पड़ गयी गई। मात्र दो कक्षा-कक्ष होंने से मिड-डे-मील का खाना बनाना भी दुष्कर हो रहा है । वहीं बच्चे झालावाड़ की घटना को देखकर यहां पर भी कोई अनहोनी नहीं हो ऐसी संभावनाओं से गिरे हुए हैं सभी डर से सहमें हुए हैं।अभी फिलहाल ग्रामीणों की ओर से माताजी मंदिर , देवनारायण मंदिर सराय में स्कुल को संचालित कर रखा है वहीं स्कुल को सील कर दिया है। ग्रामीणों की मांग की विधालय भवन जमींदोज हो और फिर नया विधालय भवन बने जिसमे कक्षा कक्षो की संख्या भी सुगमता से हो । ज्ञापन देते समय दशरथ सिंह देबीराज सिंह , रामसिंह, शिवराज सिंह, देवेन्द्र सिंह,भानू प्रताप सिंह, हैप्पी बन्ना,लोकेन्द्र सिंह, हनुमान सिंह ,भैरु भील ,मागु बावरी, सुखदेव बावरी, सुरेश भील , प्रहलाद भील ,श्याम भील , राजुभील , देवराज बावरी, रामलाल बावरी कैलाश भील सहित सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण जन उपस्थित रहे।