जिला कलेक्टर ने परिजनों को बंधाया ढांढस , मुख्यमंत्री सहायता कोष व अन्य से मिलेगा आर्थिक सहयोग
सवाईपुर ( सांवर वैष्णव ):- प्रयागराज कुंभ में स्नान करने के लिए गुरुवार को सुबह हंसते खेलते हुए जयकारों के बीच घर से निकले आठ दोस्तो के 20 घंटे बाद शव घर पहुंचे, 24 घंटे पहले जो महाकुंभ में स्नान करने के लिए निकले थे लेकिन उन्हें क्या पता था कि उससे पहले ही उन सभी का अंतिम संस्कार होगा, जिसमें पांच युवक बड़लियास, दो फलासिया, व एक मुकुंदपुरिया निवासी थे । बड़लियास कस्बे में शुक्रवार सुबह जैसे ही दो एम्बुलेंस में शव गांव पहुंचे तो हर तरफ चीख-पुकार व कोहराम मच गया, सुबह से ही गांव के बाजार बंद थें, गांव की गालियों में सन्नाटा पसरा हुआ था, सन्नाटे के बीच परिजनों के विलाप करने की आवाज सुनाई दे रही थी, गलियों मे विलाप करते परिजन व रिश्तेदार आ रहे थे । गुरुवार सुबह करीब 10:00 बजे सभी दोस्त बड़लियास से ईको कार में सवार होकर खाटू श्याम होते हुए, प्रयागराज महाकुंभ में जाने के लिए निकले थे, लेकिन खाटू श्याम ही नहीं पहुंचे उससे पहले ही दोपहर करीब 3:00 बजे दूदू के पास भीषण सड़क हादसा हो गया, जिसमें रोडवेज बस का टायर फटने के बाद डिवाइडर कुदकर रोडवेज बस ने ईको कार को अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें भीलवाड़ा जिले के बड़लियास थाना व मांडलगढ़ थाना क्षेत्र के तीन गांवों के आठ युवकों की इस हादसे में दर्दनाक मौत हो गई, जिनका शुक्रवार को गमहीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया, बड़लियास निवासी दिनेश पिता मदन रेगर, नारायण पिता रामेश्वर बेरवा, रविकांत उर्फ बबलू पिता मदन मेवाड़ा, किशनलाल पिता जानकी लाल चतुर्वेदी, मुकेश पिता उदय लाल रेगर के शवों का बेडच नदी में एक साथ अंतिम संस्कार किया गया, पांचों दोस्तों की चिताएं एक साथ जली, इस मंजर को देखकर अंतिम संस्कार में शामिल हर किसी की आंखें नम हो गई और सभी वार्ता कर रहे थे कि जो कल तक हंसते खेलते यहां से महाकुंभ में स्नान करने के लिए गए, आज वह हमारे बीच नहीं रहे, वही युवा साथी अपने साथियों के शमशान घाट में पड़े बेल्ट, जूते, चप्पल जो खून से सने थे उनको देखकर याद कर रहे थे । वही फलासिया निवासी शंकर लाल पिता नाथू रेगर, प्रकाश पिता घीसालाल मेवाड़ा वह मुकुंदपुरिया निवासी प्रमोद पिता मूलचंद सुथार का भी उनके गांवों में अंतिम संस्कार किया गया, इनमें फलासिया निवासी शंकर लाल रेगर बड़लियास का दामाद था ।
जिला कलेक्टर संधू ने दिया परिजनों को सांत्वना, बंधाया ढांढस
शुक्रवार सुबह शव बड़लियास सहित फलासिया व मुकुंदपुरिया गांव पहुंचे, इस पर भीलवाड़ा जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू, अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओमप्रकाश मेहरा, भीलवाड़ा उपखंड अधिकारी दिव्य राज चुंडावत, कोटडी पूर्व प्रधान विजय सिंह, कोटडी तहसीलदार रामकिशोर मीणा, कांग्रेस नेता प्रदुम्न सिंह, सरपंच प्रकाश चंद्र रेगर, सरपंच गेगां का खेड़ा शंकरलाल शर्मा गांव पहुंचे और परिजनों को ढांढस बताते हुए सांत्वना दिया । जिला कलेक्टर संधू ने मृतकों के परिजनों को मुख्यमंत्री सहायता कोष के साथ ही अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का आश्वासन दिया । जिला कलेक्टर ने शमशान घाट में जाकर परिजनों को सांत्वना देते हुए गहरा शोक प्रकट किया ।।
24 घंटे बाद पंचतत्व में विलीन हुए
गुरुवार सुबह 10:00 बजे बड़लियास के पांच, फलासिया के दो व मुकुंदपुरिया का एक युवक प्रयागराज महा कुंभ में पवित्र स्नान करने के लिए बड़लियास से रवाना हुए, जिनका दूसरे दिन शुक्रवार करीब 10:00 बजे अपने-अपने गांवों में अंतिम संस्कार किया गया, गुरुवार को दूदू के पास सड़क हादसे में रोडवेज बस का टायर फट गया, जिसे रोडवेज बस डिवाइडर कुदकर दूसरी ओर आकर ईको कार से भीड़ गई, इसमें कार बुरी तरह से चकनाचूर हो गई और कार में सवार सभी आठ युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, गुरुवार देर रात उनके शवों का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सुपुर्द किया, इस दौरान दूदू चिकित्सालय में मांडलगढ़ विधायक गोपाल खंडेलवाल ने पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दिया और ढांढस बंधाया, वही शुक्रवार सुबह करीब 6:30 बजे दो एंबुलेंस में पांचों शव गांव में पहुंचे ।
एक किलोमीटर लंबी शव यात्रा में हर आंख हुई नम
सुबह करीब 6:30 बजे दो एंबुलेंस से पांचो युवकों के शव गांव में पहुंचे, एम्बुलेंस के आते ही घरों में कोहराम मच गया और ग्रामीणों ने आनन-फानन में अंतिम संस्कार की रश्म कर शवयात्रा निकाली, जहा शव यात्रा करीब 1 किलोमीटर लंबी थी, इस शव यात्रा में शामिल हर एक शख्स की आंखें नम थी, कोई भी इस बात को नहीं मान रहा था कि जो कल तक हंसते खेलते यहां से गए, आज वह कफन में लिपटकर उनके शव घर पहुंचे, घरों में महिलाओं के रो-रो कर बुरे हाल हो रहा था ।
नहीं जले घरों में चूल्हे, बाजार रहे बंद
सड़क हादसे में बड़लियास के युवकों की मौत की खबर जैसे ही गांव में पहुंची तो हर कोई इस घटना को सुनकर स्तंभ रह गया, वहीं परिजनों पर तो मानो दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा हो, मृतकों के घरों में विलाप के अलावा कुछ नहीं था, रात भर ग्रामीण व रिश्तेदार परिजनों को संभालने की कोशिश में लग रहे, लेकिन परिजनों के आंसुओं का सैलाब नहीं रुका, इस दुखदाई घटना में पूरा गांव एक साथ खड़ा नजर आया, सभी के घर आसपास होने से एक दूसरे के दोस्त थे, जो मोबाइल शॉप, किराना की दुकान, कर्मचारी थे, जब से ही घटना की जानकारी ग्रामीणों को लगी तब से ही गांव में चूल्हे नहीं जले तथा सुबह से ही बाजार बंद है, बाजार व गांव की गलियों में गुरुवार शाम से ही सन्नाटा पसरा हुआ है ।