(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
लखनऊ।स्मार्ट हलचल|उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में शनिवार दोपहर एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में ड्रिलिंग के दौरान विशाल पत्थर खदान अचानक धंस गई। हादसा ठीक उसी इलाके में हुआ जहां से कुछ देर पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम समाप्त हुआ था। सीएम के लौटने के लगभग आधे घंटे बाद हुई इस घटना ने पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मचा दी।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक खदान में करीब 18 मजदूर और नौ कंप्रेशर मशीनें ब्लास्टिंग के लिए होल बनाने का काम कर रही थीं। हालांकि मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए ब्लास्टिंग कार्य बंद था, लेकिन ड्रिलिंग जारी थी। लगभग ढाई बजे अचानक खदान की एक बड़ी दीवार भरभराकर करीब 150 फीट नीचे गिर पड़ी, जिससे कई मजदूर मलबे में दब गए।
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि हादसे के समय 15 से ज्यादा मजदूर काम पर लगे थे। ग्रामीणों ने जबरदस्त धमाके जैसी आवाज सुनी तो मौके पर दौड़ पड़े। आसपास के अल्ट्राटेक, ओबरा और अन्य परियोजनाओं के राहत दल तुरंत जुटे और बचाव कार्य शुरू कर दिया, लेकिन खदान काफी गहरी होने से राहत अभियान लगातार बाधित होता रहा।
सूचना मिलते ही डीएम बद्रीनाथ सिंह,एसपी अभिषेक वर्मा सहित भारी पुलिस-प्रशासनिक अमला घटनास्थल पर पहुंच गया। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए मिर्जापुर से एसडीआरएफ और वाराणसी से एनडीआरएफ की टीमों को बुलाया गया है। पोकलेन मशीनों से मलबा हटाने का काम चलता रहा, लेकिन सफलता सीमित रही।
हादसे में दो मजदूरों की मौत की चर्चा भी फैल गई है। पनारी गांव के प्रधान पति लक्ष्मण यादव ने गांव के दो मजदूरों की मौत का दावा किया, हालांकि प्रशासन का कहना है कि मलबा पूरी तरह हटने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
डीएम बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि मेसर्स कृष्णा माइनिंग की खदान में घटना हुई है। “कुछ मजदूरों के दबे होने की आशंका है। राहत कार्य तेजी से जारी है। मलबा हटने के बाद ही सही जानकारी सामने आएगी। पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदारी तय की जाएगी।”
राज्य मंत्री संजीव सिंह गोंड भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटना को बिरसा मुंडा जयंती पर बेहद दुखद बताया। कहा “कार्य बंद होने की पूर्व सूचना होने के बावजूद ड्रिलिंग क्यों जारी थी? इसकी जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई तय है। सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है।”
घटना के बाद मजदूरों के परिजनों में चीख-पुकार मची रही। कई महिलाएं और बुजुर्ग बदहवासी में खदान के पास पहुंचे और अपने प्रियजनों के सुरक्षित निकल आने की गुहार लगाते दिखे।
बचाव कार्य देर शाम तक जारी था, और पूरा इलाका पुलिस बल, प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय लोगों की भीड़ से भर गया। अब सबकी नजर मलबा हटने के बाद सामने आने वाली वास्तविक स्थिति पर टिकी है।


