प्रेमी के जाल में फंसकर 2 साल पूर्व अपहृत हुई नाबालिग छात्रा अलीगढ़ थानाधिकारी की सतर्कता से परिजनों तक सकुशल पहुंची,
– पश्चिम बंगाल के हावड़ा ग्रामीण जिले के बाहुरिया थाना क्षेत्र से प्रेमी द्वारा अपहरण कर बेची गई थी नाबालिग छात्रा,
– (स्मार्ट हलचल)नाबालिग छात्रा को अपहरण से खरीदकर देह व्यापार में धकेलने के आरोप में पुलिस टीम ने एक महिला समेत दो आरोपियों को किया गिरफ्तार-आमजन में खाकी के प्रति बढ़ा विश्वास
टोंक/अलीगढ़/उनियारा । पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले से करीब 2 वर्ष पूर्व (अप्रैल 2022) में अपने ही प्रेमी के जाल में फंसाकर भगाकर लाई गई एक नाबालिग छात्रा को खरीद फरोख्त के बाद देह व्यापार के दलदल में फंसाने के करीब 2 साल बाद टोंक जिले के अलीगढ़ थानाधिकारी सुरेश कुमार चौधरी कि मानवीय सरोकार से ओतप्रोत सकारात्मक शैली व उनकी कड़ी मेहनत के बाद अपने परिजनों से बिछड़ी नाबालिग बालिका को मिलवाने में अहम भूमिका निभाई है। पश्चिम बंगाल के हावड़ा ग्रामीण जिले के बहुरिया थाने से पहुंची पुलिस टीम ने अलीगढ़ व चौथ का बरवाड़ा थाना पुलिस की मदद से नाबालिग बालिका को अपहरण, मानव तस्करी, बंधक बनाकर व देह व्यापार करवाने के आरोप में एक महिला समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
अलीगढ़ थाना प्रभारी सुरेश कुमार चौधरी (उप निरीक्षक) ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते दिनों 29 मार्च 2024 को अलीगढ़ थाना पुलिस की टीम अवैध शराब के विरूद्ध रेड डालने खेड़ली की ओर गई हुई थी, जहां पर हाईवे किनारे एक नाबालिग बालिका संदिग्ध परिस्थितियों में डरी व सहमी हुई हालत में दिखाई दी, जिससे उनके द्वारा पूछताछ करने पर उक्त बालिका ने डर के मारे कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया। पुलिस द्वारा बालिका को थाना अलीगढ़ पर लाकर बाल डेस्क अधिकारी के समक्ष बिठाकर महिला कांस्टेबल द्वारा गहनता से पूछताछ की गई, जिस पर उक्त नाबालिग बालिका ने बताया कि मुझे मेरे परिजनों से मिलवा दो, मैं पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले की रहने वाली हूं। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक टोंक संजीव नैन सहित पुलिस उपाधीक्षक उनियारा सलेह मोहम्मद के निर्देशानुसार बालिका के बताए अनुसार पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के समस्त पुलिस थाना क्षेत्रों में बालिका की फोटो भेजकर पहचान करवाई गई तथा नाबालिग होने पर बालिका को जिला बाल कल्याण समिति टोंक में भिजवाया गया। वहीं थानाधिकारी अलीगढ़ ने अपने परिचित जोधपुर जीआरपी में तैनात व पूर्व में पश्चिम बंगाल में तैनात आईपीएस अफसर अभिजीत सिंह की मदद से हावड़ा जिले में बालिका के सम्बंध में सूचना पहुंचाई। जहां पता चला कि हावड़ा जिले के बाहुरिया पुलिस थाना में उक्त नाबालिग बालिका के संबंध में अप्रैल 2022 में अपहरण का प्रकरण दर्ज है तथा आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली उक्त नाबालिग बालिका को उसका प्रेमी जावेद उर्फ राजू अपने प्रेमीजाल में फंसाकर उसे ट्रेन में बैठाकर राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले से संबंध रखने वाली आदलवाडा गांव की महिला तस्कर नेहा कंजर उर्फ नूरजहां को बेचकर धोखे से फरार हो गया। बाद में महिला तस्कर नेहा कंजर ने उक्त नाबालिग बालिका को कुछ समय जयपुर सहित आसपास के अलग-अलग स्थानों पर रखा, उसके बाद सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा थाना क्षेत्र के आदलवाडा कंजर बस्ती में लाकर रखा, बाद में करीब 6 माह पूर्व (सितम्बर 2023) में अलीगढ़ थाना क्षेत्र के खेड़ली गांव में राकेश कंजर नामक व्यक्ति के घर रखवाकर देह व्यापार में धकेल दिया। महिला तस्कर द्वारा अपने चुंगल में फंसाकर करीब 2 साल तक उक्त नाबालिग बालिका को बंधक बनाकर देह व्यापार के इस दलदल में फंसाए रखा। नाबालिग बालिका पांच बहन भाइयों में अपने पिता की सबसे बड़ी संतान बताई जा रही हैं।
——– देह व्यापार से इस तरह मुक्त हुई नाबालिग बालिका ——–
बीते दिनों 29 मार्च 2024 को अलीगढ़ थानाधिकारी अपने पुलिस जाप्ते के साथ अवैध शराब के मामले में रेड डालने खेड़ली की ओर गए हुए थे, जहां उक्त नाबालिक छात्रा डरी व सहमी हुई संदिग्ध परिस्थितियों में मिली, जब पुलिस ने उक्त बालिका से बातचीत की तो उसकी भाषा व सहमी हुई संदिग्ध हालात को लेकर पुलिस को बालिका के बाहरी क्षेत्र से होने का शक हुआ, बाद में महिला कांस्टेबल की मदद से पुलिस बालिका को थाने पर लेकर आई। बाल डेस्क अधिकारी व महिला कांस्टेबल की मदद से बालिका से पूछताछ की तो उसने डरी व सहमी हुई हालत में हावड़ा जिले का नाम बताकर अपने परिजनों से मिलवाने की बात कही, बालिका के नाबालिक होने की वजह से काउंसलिंग के लिए जिला बाल कल्याण समिति टोंक भेजा गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक टोंक के निर्देश पर तथा अलीगढ़ थानाप्रभारी ने अपने परिचित पूर्व में पश्चिम बंगाल क्षेत्र में रहे आईपीएस अफसर अभिजीत सिंह की मदद से बालिका के बारे में हावड़ा जिले के संबंधित थाना क्षेत्र व परिजनों तक सूचना पहुंचाकर अलीगढ़ (टोंक) बुलाया गया, जहां 6 अप्रैल को उसके परिजन और हावड़ा ग्रामीण जिले की बहुरिया थाना पुलिस की चार जनों की टीम अलीगढ़ पहुंचीं। सीडब्ल्यूसी में बालिका ने परिजनों को 2 साल की सारी आपबीती सुनाई। हावड़ा पुलिस टीम के आने व पुलिस द्वारा रेड डालने की भनक लगने पर मुख्य महिला आरोपी नेहा कंजर तथा आरोपी राकेश कंजर डर के मारे अपना-अपना गांव छोड़कर फरार हो गए थे। जहां पुलिस टीम ने मामले को गोपनीय रखते हुए 5 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद मुखबिरों की सूचना व तकनीकी संसाधनों की मदद से हावड़ा जिले के बाहुरिया थाना पुलिस टीम के साथ राजस्थान के अलीगढ़ (टोंक) व चौथ का बरवाड़ा (सवाई माधोपुर) थाना पुलिस टीम की मदद से मुख्य महिला आरोपी नेहा कंजर उर्फ नूरजहां पत्नि ललित कंजर निवासी आदलवाडा कंजर बस्ती थाना चौथ का बरवाड़ा जिला सवाई माधोपुर तथा दूसरे आरोपी राकेश पुत्र श्रवण कंजर निवासी खेड़ली प्रेमनगर थाना अलीगढ़ जिला टोंक को गिरफ्तार किया जाकर अग्रिम अनुसंधान एवं जिला बाल कल्याण समिति टोंक से नाबालिग बालिका को न्यायालय के आदेश पर प्राप्त कर परिजनों को सकुशल सुपूर्द किया गया हैं। अब अग्रिम अनुसंधान में पश्चिम बंगाल पुलिस दोनों आरोपियों को लेकर हावड़ा पहुंचने के बाद नाबालिक बालिका के प्रेमी जावेद उर्फ राजू को गिरफ्तार कर पूरे प्रकरण का खुलासा करेगी। जानकारी के अनुसार महिला आरोपी नेहा उर्फ नूरजहां भी पश्चिम बंगाल से इसी तरह अपहरण, खरीद फरोख्त व देह व्यापार में फंसकर राजस्थान में रह रही थीं, जो भी एक बंगाली मुस्लिम परिवार की बताई जा रही हैं, जो मोटी रकम के लोभ लालच में आकर धर्म छुपाकर नाबालिग बालिकाओं की खरीद फरोख्त कर उनको देह व्यापार में धकेलने को बढ़ावा दे रही थीं। उक्त मुख्य महिला आरोपी इस तरह अब तक जाने कितनी नाबालिग बालिकाओं को अपहरणकर्ताओं से खरीदकर देह व्यापार के इस दलदल में धकेल चुकी हैं।
—— चौथ का बरवाड़ा की पूर्व महिला थानाधिकारी समेत पुलिसकर्मियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान ——
वहीं गौरतलब हैं कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व चौथ का बरवाड़ा थाना क्षेत्र के आदलवाड़ा गांव की कंजर बस्ती में करीब एक दर्जन से ज्यादा नाबालिग लड़कियों को तस्करों द्वारा खरीदकर देह व्यापार करवाने की सूचना मिडिया को कुछ मुखबिरों से प्राप्त होने पर चौथ का बरवाड़ा की तत्कालीन थानाधिकारी टीनू सोगरवाल सहित मानव तस्करी यूनिट सवाई माधोपुर को अवगत कराया गया था, लेकिन पुलिस ने उस समय कोई ध्यान नहीं दिया। जिससे मिली जानकारी अनुसार आज भी दर्जनों नाबालिग बालिकाएं अपने परिजनों से बिछड़ कर मुख्य आरोपी महिला तस्कर नेहा उर्फ नूरजहां समेत अन्य तस्करों के जाल में बंधक बनकर देह व्यापार में फंसी हुई हैं। गनीमत रही कि बीते दिनों 29 मार्च को गश्त के दौरान अलीगढ़ थानाप्रभारी की सूझबूझ से यह एक नाबालिग लड़की तो तस्करों के इस देह व्यापार के दलदल से बाहर निकल आई। उसके बाद पुलिस टीम द्वारा रेड डालने की भनक लगने पर आरोपियों द्वारा रातोरात फरार होकर देह व्यापार के दलदल में फंसी लड़कियों को अन्यत्र स्थानों पर शिफ्ट करने का मामला भी सामने आ रहा है। बीते दो वर्षों में चौथ का बरवाड़ा थाना पुलिस द्वारा नाबालिग बालिकाओं के इस देह व्यापार के रैकेट से जुड़े गंभीर मामले में तस्करों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं होना भी एक तरह से पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े होते नजर आ रहे हैं।
——— अपनी नाबालिग बेटी को सकुशल पाकर पुलिस के सामने रो पड़े पिता ———
वहीं जिला बाल कल्याण समिति टोंक से नाबालिग बालिका को हावड़ा जिले की पुलिस द्वारा अलीगढ़ पुलिस थाने में लाने पर बालिका के गरीब पिता की आंखों में आंसू छलक उठे और बालिका के पिता अपनी लाडली को पाकर अलीगढ़ थाना प्रभारी सुरेश कुमार चौधरी की मानवीय सरोकारों से परे सकारात्मक कार्यशैली से प्रभावित होकर उनके गले लिपटकर करीब 10 से 15 मिनट तक अपनी आपबीती सुनाते हुए बिफरकर रोने लगे और कहने लगे कि साहब मैंने तो अपनी बालिका के अपहरण के बाद से ही हार थककर उसके मिलने की आस छोड़ दी थी कि वह मर चुकी है, लेकिन आपकी सजगता व ईमानदारी से मेरी बच्ची मुझे दो ईद के त्यौहार के बाद तीसरी ईद से पहले मुझे सकुशल मिल गई है, अब यह ईद में अपनी लाड़ली व परिजनों के साथ खुशी से मनाऊंगा। ऐसे में अलीगढ़ थानाधिकारी की सतर्कता से खाकी के प्रति आमजन में विश्वास बढ़ा है तथा क्षेत्र के आमजन द्वारा भी एसएचओ के कार्यशैली की प्रशंसा की जा रही हैं।
——– बालिका को अपने पिता तक पहुंचाने में इनकी रही अहम भूमिका ——–
पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले की नाबालिग बालिका को उसके प्रेमी द्वारा तस्करों को बेचकर करीब 2 वर्षों से बंधक बनाकर देह व्यापार के दलदल से बचाकर सकुशल अपने परिजनों से मिलवाने में अलीगढ़ थानाधिकारी सुरेश कुमार चौधरी समेत जोधपुर जीआरपी में तैनात आईपीएस अफसर अभिजीत सिंह, चौथ का बरवाड़ा थानाधिकारी हरीमन मीणा, अलीगढ़ थाने के एएसआई शम्भु सिंह, महिला कांस्टेबल कांता योगी, पश्चिम बंगाल के हावड़ा ग्रामीण जिले के बाहुरिया थाना पुलिस टीम के प्रभारी विजय कुमार यादव सब इंस्पेक्टर, बप्पी गोरिया कांस्टेबल तथा महिला कांस्टेबल सरस्वती व वंदना महिला कांस्टेबल की अहम भूमिका रही है।