कोटा। स्मार्ट हलचल|रेल कर्मचारियों अपनी डयूटी निभाने के साथ कई बार जनसरोकार से जुड़े सामाजिक कार्य करते है जिनकी आमजनों से सराहना से सकारात्मक कार्य के लिए मनोबल मिलता है। इसी कड़ी में रविवार गाड़ी संख्या 12181 जबलपुर-अजमेर दयोदय एक्सप्रेस के सुबह कोटा आगमन पर इस गाड़ी के सामान्य कोच से दो नाबालिग बालक उम्र क्रमशः 16 एवं 17 वर्ष स्टेशन उतरे। स्टेशन पर सुबह की पाली में कार्यरत चेकिंग स्टॉफ विष्णु कुमारी ने उन दोनों बच्चों से यात्रा टिकट पूछा तो वो दोनों बिना टिकट पाए गए। टिकट जाँच दल द्वारा नियमानुसार जुर्माने के साथ यात्री का टिकट बनाने की बात कही तो दोनों बालक सहम गए। तब उनको लेकर विष्णु कुमारी अपने कार्यालय में आई तो वहाँ प्रभारी दीपक शर्मा ने उनके परिचय पत्र चेक किये और आवश्यक पूछताछ तो वो दोनों बालक कोटा क़े निकले। उन्होंने पूछने पर बताया की वो दोनों कल शाम को उनके परिवार वालों से नाराज होकर घर से भाग गए थे।
बीती रात को जोधपुर-भोपाल एक्सप्रेस से वो दोनों पहले कोटा से बारां चले गए और सुबह दयोदय एक्सप्रेस से कोटा वापिस लौट आये। परिचय पत्र क़े आधार पर उनके घरवालो से सम्पर्क किया और उनको बुलाकर सीटीआई लक्ष्मीकांत मीना और उप मुख्य टिकट निरीक्षक दीपक शर्मा की उपस्थिति में बच्चों को उनके माता-पिता को सुपुर्द किया। इस सराहनीय कार्य के लिए नाबालिकों के अभिभावकों ने रेल कर्मियों एवं प्रशासन का आभार व्यक्त किया।