सुरेश चंद्र मेघवंशी
मोड़ का निंबाहेड़ा । आसींद उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत मोड़ का निम्बाहेड़ा के ग्रामीणों ने गांव के एक सार्वजनिक रास्ते पर हुए कथित अवैध अतिक्रमण और नियम विरुद्ध पट्टे जारी करने के विरोध में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने रास्ते को तुरंत अतिक्रमण मुक्त कराने, यदि कोई पट्टा जारी हुआ है तो उसे निरस्त करने और दोषी व्यक्तियों व अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है।
60 फीट चौड़ा रास्ता तारबंदी से हुआ अवरुद्ध
ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि मोड़ का निम्बाहेड़ा के रेगर मौहल्ला में आबादी भूमि से हाईवे रोड की ओर खेतों तक जाने वाला एक 60 फीट चौड़ा सार्वजनिक रास्ता है, जिसका उपयोग आमजन वर्षों से आवागमन और कृषि उपकरण जैसे बैलगाड़ी, ट्रैक्टर आदि लाने-ले जाने के लिए करते आ रहे हैं। विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हाल ही में गाँव के कुछ विपक्षीगणों (सत्यनारायण पुत्र श्री पेमाराम रेगर, अमरचन्द पुत्र श्री पेमाराम रेगर और कालूराम पुत्र श्री छोगा रेगर) द्वारा जबरन रात-ही-रात इस रास्ते की भूमि पर तारबंदी कर दी गई है, जिससे यह 60 फीट चौड़ा रास्ता अब सिमटकर केवल 8-10 फीट का रह गया है। इससे आवागमन मुश्किल हो गया है और रास्ते की संकीर्णता के कारण 3-4 दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं।
नियम विरुद्ध पट्टे जारी करने का आरोप
ग्रामीणों ने बताया कि जब उन्होंने विपक्षी गणों को तारबंदी के संबंध में आपत्ति जताई, तो उन्होंने सरपंच और सचिव के साथ मिलकर रास्ते की भूमि के पट्टे जारी करवा लेने का दावा किया।ग्रामीणों का स्पष्ट मत है कि उक्त भूमि वर्षों से रास्ते के रूप में उपयोग हो रही है और यह न तो विपक्षी गणों की पुश्तैनी है और न ही ग्राम पंचायत द्वारा इसकी नीलामी की गई है। राजस्थान पंचायती राज नियमों के अनुसार, रास्ते की भूमि पर पट्टे जारी नहीं किए जा सकते। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यदि पट्टे जारी किए गए हैं, तो वे सरपंच, सचिव और विपक्षी गणों की मिलीभगत के तहत अवैध तरीके से जारी किए गए हैं।
धमकियों का भी आरोप
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि अतिक्रमणकारी विपक्षी गण आए दिन धमकियां दे रहे हैं कि यदि किसी ने शिकायत की, तो वे उसके और उसके परिवार के हाथ-पैर तोड़ देंगे और झूठे एससी/एसटी के मुकदमे लगाकर फंसा देंगे।
ज्ञापन में यह है कार्यवाही की मांग
रास्ते से अवैध अतिक्रमण (तारबंदी) हटाकर 60 फीट रास्ते का तुरंत खुलासा कराया जाए।यदि रास्ते की भूमि पर किसी भी प्रकार का पट्टा आदि जारी हुआ है, तो उसे निरस्त किया जाए।दोषी व्यक्तियों (अतिक्रमणकारी, सरपंच, सचिव) के विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए।ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इस गंभीर मामले में हस्तक्षेप कर न्याय प्रदान करने और सार्वजनिक रास्ते को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश देने का निवेदन किया है।


