पहलगाम में पर्यटकों पर मंगलवार को हुआ वीभत्स आतंकी हमले के तार अब जुड़ने लगे हैं। यह बात साफ होने लगी हैं कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का मुखौटा संगठन द रजिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) ने यह हमला पूरी रणनीति के साथ अंजाम दिया है।
CSS मीटिंग में हुए फैसले के बारे में विदेश सचिव ने दी जानकारी
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “इस आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने निम्नलिखित उपायों पर निर्णय लिया-
1. 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता.
2. एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा. जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं.
3. पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना (SVES) वीजा के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी SVES वीजा को रद्द माना जाएगा. SVES वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं.
4. नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है. उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है.
5. भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा. संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे.
मोदी की ट्रंप से बातचीत
- इस हमले के पीछे के संदेश को भारत के साथ अमेरिका भी समझ रहा है। हमले के कुछ ही घंटों बाद पीएम नरेन्द्र मोदी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत यही संकेत दे रहा है।
- पहलगाम हमले के तकरीबन पांच घंटे बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति भवन ने यह घोषणा कर दी कि जल्द ही ट्रंप और मोदी के बीच बात होगी। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच वार्ता भी हुई।
- यह बातचीत तब हुई जब पीएम मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में ही छोड़ कर भारत लौटने की तैयारी कर रहे थे।
- विदेश मंत्रालय ने बताया है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी को फोन करके जम्मू व कश्मीर में हुए आतंकी हमले पर मारे गये निर्दोष नागरिकों पर गहरा दुख जताया है।
- राष्ट्रपति ट्रंप ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और इस वीभत्स हमले के दोषियों को सजा दिलाने के लिए हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया है। आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और अमेरिका साथ साथ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सीसीएस की बैठक समाप्त होने के बाद विदेश मंत्रालय मीडिया को संबोधित कर रहा है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, सीसीएस ने कड़े शब्दों में हमले की आलोचना की है। दुनिया के कई देशों ने समर्थन जताया है और कड़े शब्दों में हमले की निंदा की है। बैठक में कई फैसले लिए गए हैं। पाकिस्तानियों का वीजा रद्द किया गया है। सिंधु जल समझौता रोका गया है।