आसींद । केंद्र की मोदी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए ग्राम पंचायतों का ऑनलाइन पेमेंट शुरू किया गया है लेकिन।आसींद उपखंड क्षेत्र के मोतीपुर ग्राम पंचायत के सरपंच व सचिव उसका भी हल निकाल लिए हैं। चारभुजा कंस्ट्रक्शन फर्म का फर्जी बिल लगाकर राशि आहरण कर लेते हैं। इस प्रकार का खेल पंचायत के कई कामों में चल रहा है। मोतीपुर ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव की मिलिभगत से फर्जी बिल लगाकर जनता के विकास करने के बजाय हजम कर रहे हैं। ऐसे ही देखा जाए तो फर्जी बिल व कागजों में रोड लाइटो कि मरम्मत कि राशि का खर्च करने का भुगतान कई सालों से लगातार उठाया जा रहा है जो अभी तक धरातल पर कई दर्जन लाइटे बंद पड़ी है जो नियम विरुद्ध है। इस योजना का पैसा विकास के बजाय फर्जी बिल लगाकर किया गया है जो सरकार व जनता के पैसे को सरपंच सचिव व संबंधित विभाग में बैठे आला अफसर की मिलीभगत दर्शाता है।अगर इसकी गहराई से जांच किया जाए तो सरपंच-सचिव पर गाज गिर सकती हैं।
शिकायतकर्ता ने बताया कि सरपंच-सचिव द्वारा कई योजना में कई फर्जी बिल लगाया गया है। मौके पर जितना कार्य हुआ नहीं है उससे दुगुुना बिल लगाया गया है। जेसे छपरा, मेडबंदी, व पौधारोपण, नाड़ी निर्माण व सड़क पर ग्रेवल निर्माण व मय पुलिया निर्माण, के नाम पर भुगतान किया गया है जबकि गांव वालों से पूछने पर पता चला कि मुश्किल से 28 से 35 हजार का छपरा में निर्माण कार्य किया होगा। लेकिन ग्राम पंचायत द्वारा लगभग 78 हज़ार से लाख का बिल लगाया गया है। इसी प्रकार पंचायत क्षेत्र में गई जगह पो निर्माण के कार्यों में भी 20 से 28 हजार रुपए की लागत हुईं है लेकिन पंचायत प्रशासन ने लगभग 80 से 90 हजार का बिल बनाकर पैसा उठाया गया। पंचायत क्षेत्र में कई हुए विकास कार्यों का अभी तक किसी का भी बोर्ड नहीं लगाया गया क्योंकि उसमें बहुत फर्जीवाड़ा कर रखा है जिसमें बड़े भ्रष्टाचार की आशंका हैं। इसकी जांच होनी चाहिए और गांव के विकास के लिए आए राशि का जहां जरूरत है उन कार्यों में खर्च होना चाहिए।