भीलवाड़ा । जिला मुख्यालय से महज 50 किलोमीटर दूर मोतीपुर ग्राम पंचायत के जबरकिया गांव में ग्रामीण शमशान घाट की मरम्मत, टिन शेड निर्माण व जमीन के लिए मांग करते आ रहे हैं, लेकिन आज तक उनकी मांगों को सुनने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के विकास व श्मशान घाट की मरम्मत को लेकर कई बार स्थानीय जनप्रतिनीधि व अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। टीन शेड जर्जर होने से अंतिम संस्कार के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अधिक बारिश होने पर तिरपाल लगाकर अंतिम संस्कार करना पड़ता है। ज्ञात हो कि पंचायत की ओर से गांवों में सड़क नाली निमार्ण के विकास पर लाखो की राशी खर्च की जाती है। लेकिन गांव में लोगों के लिए अतिआवश्यक श्मशान घाट स्थल के विकास को लेकर बजट नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। श्मशान घाट की हालत काफी दयनीय है। अगर बारिश हो जाए तो अंतिम संस्कार में बड़ी परेशानी होती है।
दो साल से ग्रस्त पड़ा अब तक नहीं हुआ शमशान घाट में पक्का टीन शेड का निर्माण
मुक्ति धाम में लगे टिन शेड काफी जर्जर हो चुके हैं, जिसकी मरम्मत नहीं होने से ग्रामीणों को हर मौसम में शव की दाह संस्कार के लिए जोखिम उठाना पड़ता है । ग्राम पंचायत मोतीपुर के जबरकिया ग्राम में लगभग 1500 लोगों की आबादी है। इसके बावजूद भी गांव में स्थित श्मशान स्थल पर विकास कार्य नहीं होने से लोगों को शव के अंतिम संस्कार के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मुक्तिधाम की दशा ही खराब हो तो गांव के अन्य विकास कार्यों की कैसे उम्मीद की जा सकती है
नहीं है कोई सुविधाः
श्मशान घाट में दूर-दूर तक बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। न तो धूप से बचने के लिए कोई शेड है और न ही पीने के पानी का उचित प्रबंध है। लेकिन गांव में लोगों के लिए अतिआवश्यक श्मशान घाट स्थल के विकास को लेकर बजट नहीं है।