Homeभीलवाड़ामौत पर भी निकम्मे होकर बजरी दोहन में झूझ रहे बजरी माफिया

मौत पर भी निकम्मे होकर बजरी दोहन में झूझ रहे बजरी माफिया

मुकेश खटीक
मंगरोप।बजरी माफिया शमशान उजाड़ने में इतने व्यस्त हो गए हैं कि अंतिम संस्कार के समय भी बजरी दोहन करने से बाज नहीं आ रहे हैं।गांव के एकमात्र शमशान कों बजरी माफिया दिनरात उजाड़ने में लगे हुए है ग्रामीणों द्वारा कई बार शमशान क्षेत्र छोड़कर बजरी भरने की बात कहने पर भी ये लोग बाज नही आ रहे है।शुक्रवार कों गांव के बद्री लाल,राजेंद्र किर की माता जी बरदी देवी का स्वर्गवास होने से उनकी अंत्येष्टि के बाद गांव के बनास नदी पेटे में अन्तिम संस्कार हो रहा था इस दौरान भी शमशान स्थल पर जेसीबी लगाकर अवैध रूप से दबंगाई के साथ बजरी दोहन कर रहे थे ये लोग मौत के समय भी बेखौफ बजरी दोहन में लगे हुए है।कई दिनों से मंगरोप सहित आसपास क्षेत्र के लोगों का कड़ा विरोध होने के बावजूद ये लोग बेरोक-टोक बजरी भर रहे हैं जबकी लोगों नें बजरी ठेकेदार कों भी शमशान क्षेत्र कों छोड़कर बजरी भरने के लिए कहा था लेकीन फिर भी ये लोग अब तक अपनी मनमानी से बाज नही आ रहे है।शमशान भूमि पर जगह-जगह पर गड्ढे हो गए हैं जिससे वर्तमान समय में हालात यह पैदा हो रहे हैं कि नदी पेटे में अंतिम संस्कार करना भी मुश्किल हो रहा है।अगर यू ही शमशान भूमि से अवैध बजरी दोहन होता रहा तो लोगों को अंतिम संस्कार के लिए दूर दराज जाना पड़ेगा।ग्रामीणों ने श्मशान घाट क्षेत्र कों बजरी माफियाओं से मुक्त करवाने की मांग की है।जल्द ही समाधान नही होने पर ग्रामीणों नें उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।

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