मुकेश खटीक
भीलवाड़ा।मध्य प्रदेश के उज्जैन से प्रारंभ हुई भगवान देवनारायण की जल कलश पदयात्रा गुरुवार को राजस्थान की पावन धरा पर प्रवेश कर गई।यात्रा के राजस्थान आगमन पर भीलवाड़ा-चित्तौड़ बॉर्डर,हमीरगढ़ के समीप वर्ती क्षेत्र के श्रद्धालुओ ने पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर छोटू गुर्जर झोपड़ा भेरू खटाना सहित बड़ी संख्या में देवभक्त मौजूद रहे।यात्रा के संयोजक लाखन सिंह लोहागढ़ ने बताया कि यह पदयात्रा मध्य प्रदेश देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री रघुवीर सिंह पटेल के सानिध्य में 5 अगस्त को उज्जैन से प्रारंभ हुई थी। यात्रा में मां शिप्रा एवं नर्मदा नदी के पवित्र जल से भरे कलशों को विशेष विधि-विधान से स्थापित किया गया है।भीलवाड़ा जिले में प्रवेश के बाद यात्रा मांडल होते हुए अपने अंतिम पड़ाव मालासेरी देव डूंगरी की ओर अग्रसर है। 16 अगस्त को यहां पवित्र जल से भगवान देवनारायण का भव्य जलाभिषेक किया जाएगा। इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु देशभर से आकर इस ऐतिहासिक धार्मिक अनुष्ठान के साक्षी बनेंगे।आयोजकों के अनुसार यह जल कलश पदयात्रा न केवल धार्मिक आस्था और भक्ति का प्रतीक है।बल्कि मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच आपसी सांस्कृतिक व आध्यात्मिक एकता को भी मजबूत करेगी। यात्रा मार्ग में जगह-जगह श्रद्धालु जन आरती, पुष्पवर्षा और भजन-कीर्तन के साथ यात्रा का स्वागत कर रहे हैं, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।