Mumbai’s famous KEM hospital negligence:मुंबई के प्रसिद्ध KEM अस्पताल यानि किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल में तत्कथित तौर पर मरीजों के रिपोर्ट से पेपर प्लेट बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. मामला सामने आने से मरीजों की गोपनीयता और डेटा सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में मरीजों के नाम और अस्पताल के लोगो वाले पेपर से बने पेपर प्लेट नजर आ रहे हैं. मामले में अब बीएमसी ने अस्पताल के 6 अधिकारियों को मेमो जारी कर एक सदस्य कमेटी का गठन किया गया है. बता दें कि यह कोई छोटा मोटा अस्पताल नहीं, बल्कि मुंबई का प्रसिद्ध KEM अस्पताल है. मरीज के रिपोर्टर्स से पेपर प्लेट बनाने का दावा करने वाली इस वीडियो से मरीज के विवरण, निजी चिकित्सा प्रक्रियाओं के रिकॉर्ड और डाटा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. पेपर प्लेट पर अस्पताल का लोगो
प्लेट पर अस्पताल का लोगो और मरीजों का नाम लिखा हुआ था। पेडणेकर ने कहा कि इसमें दो नियमों का उल्लंघन हुआ, एक तो अस्पताल लोगों का उपयोग हुआ है, दूसरा मरीज की प्राइवेसी का हनन हुआ है। शनिवार को वे केईएम अस्पताल भी पहुंचीं और डीन से मुलाकात की। अस्पताल से जुड़े एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अस्पताल में मरीज के रेडियोलॉजी विभाग में सीटी एमआरआई के लिए आने वाले मरीजों के पुराने पेपर थे, जिन्हें टेंडरिंग द्वारा नियुक्त किए गए रद्दी वाले को दिया गया था।
मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर बनाया मुद्दा
बता दें कि इस पूरे मामले में मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर ने सोशल मीडिया पर उजागर करते हुए अस्पताल प्रशासन और नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसकी तस्वीर भी पोस्ट की है। उन्होंने एक्स पर लिखा-मुंबई नगर निगम (बीएमसी) प्रशासन मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है। उन्होंने लिखा कि ये क्या हो रहा है? जागो प्रशासन…जिन्होंने यह किया है उनपर कार्रवाई होनी चाहिए।
केईएम अस्पताल की डीन डॉ. संगीता रावत का बयान
वहीं इस पूरे मामले पर केईएम अस्पताल की डीन डॉ. संगीता रावत का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा- ये प्लेटें मरीज की रिपोर्ट से नहीं बनाई गई थीं। ये सीटी स्कैन के पुराने फोल्डर हैं। इन्हें स्क्रैप डीलरों को दोबारा इस्तेमाल के लिए दिया गया था। हां हमारी गलती यह है कि हमने इन स्क्रैप पेपर को देने से पहले इन्हें नष्ट नहीं किया था। यह लापरवाही कैसे हुई इसके लिए अस्पताल की तरफ से 6कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है