Homeभरतपुरलाखों रुपए की लागत से निर्मित नगरपालिका कस्बे मे शौचालय बने शोपीस

लाखों रुपए की लागत से निर्मित नगरपालिका कस्बे मे शौचालय बने शोपीस

लाखों रुपए की लागत से निर्मित नगरपालिका कस्बे मे शौचालय बने शोपीस

सार्वजनिक शौचालयों की नही हो रही सफाई, शौचालयों में गंदगी अटी पड़ी

स्मार्ट हलचल/ योगेश कुमार गुप्ता

चाकसू ()चाकसू नगरपालिका स्वच्छता में महत्वपूर्ण स्थान निभाने वाले सार्वजनिक सुलभ शौचालय इस समय खुद स्वच्छता को तरस रहे हैं। लोगों की सुविधा के लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर बनवाए गए सार्वजनिक सुलभ शौचालयों की सफाई न होने से गंदगी से भरे पड़े हैं। सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग तो दूर लोग इन शौचालयों के बारे में सोचना भी पसंद नहीं कर रहे हैं
मुख्य बाजार चाकसू में सुविधाओं के अभाव में दुकानदारों एवं ग्राहकों का जीना दूभर होता जा रहा है ।मुख्य बाजार लाभियो की गली के पास लगभग 40-50 वर्ष पूर्व निर्मित एकमात्र पुरुष सुविधाएं भी देखरेख एवं निर्माण के अभाव में बिल्कुल गंदी पड़ी रहती है । पड़ोसी दुकानदार रमेश सोनी, राम खंडेलवाल, धर्मचंद जैन, राम अवतार खंडेलवाल ,नाथूराम योगी, भोला सैनी ,बृज बिहारी खंडेलवाल, रामकिशोर सोनी, प्रेम गर्ग आदि ने बताया की लोग यहां पर शराब आदि का सेवन कर उनकी बोतल-पाउच आदि इस सुविधाओं। में डाल देते हैं एवं मोहल्ले का कचरा भी इसी में डाला जाता है जिससे आसपास के लोगों को सुविधाओं के अभाव में इधर-उधर जाना पड़ता है । महिला सुविधा नहीं होने के कारण महिलाओं को बड़ी परेशानियां होती है। जगह-जगह से टूटने के कारण इसमें खड़ा होना भी मुश्किल है। बार-बार नगर पालिका एवं पार्षदों को कहने के बाद भी इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।अलग-अलग स्थानों पर स्थित सार्वजनिक शौचालयों की महीनों से सफाई न होने से महज दिखावा साबित हो रहे हैं।लाखों रुपए की लागत से निर्मित शौचालय शोपीस बनकर रह गए हैं। सफाई न होने से लोग इनका मजबूरी में ही उपयोग करते हैं। कई शौचालय ऐसे हैं, जिनकी सफाई न होने से लोगों ने थूकने कचरे के लिए स्थान बना लिया है।नगर पालिका द्वारा सफाई के लिए हजारों रुपए खर्च किए जाते हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं दिखता। सार्वजनिक शौचालय गंदगी से अटे होने से इनका उपयोग हो ही नहीं रहा।ऐसे में पब्लिक टॉयलेट के लिए खर्च की गई राशि बर्बाद हो रही है। सार्वजनिक शौचालयों की सफाई न कराए जाने से लोग खुले में जाने को मजबूर हो रहे है।शौच के लिए पुरुष वर्ग तो कैसे भी करके खुले स्थानों का उपयोग कर लेता हैए लेकिन महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद नपा प्रशासन सार्वजनिक शौचालयों की सफाई नहीं करवा रहा है।शौचालयों की स्वच्छता के अलावा यहां और भी समस्याएं हैं जिनसे विभिन्न परेशानियां निर्मित होतीं हैं। कुछ सार्वजनिक शौचालय ऐसे भी हैं, जिनके गेट टूट गए हैं, तो कई शौचालय अंदर से आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हैं। जिनकी मरम्मत नहीं कराई जा रही है।

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