उप खण्ड अधिकारी भवानीमण्डी का जनहित में ऐतिहासिक आदेश
रणवीर सिंह चौहान
स्मार्ट हलचल/भवानी मंडी/भवानीमण्डी भवानीमण्डी शहर में मेला मैदान के नाम से चर्चित एवं सार्वजनिक उपयोग की भूमि आखिर 60 वर्ष बाद नगरपालिका भवानीमण्डी के नाम पुनः दर्ज कर दी गई। उप खण्ड अधिकारी भवानीमण्डी श्रद्धा गोमे द्वारा राजस्व अधिनियम के तहत यह आदेश जारी किया गया है।
नरपालिका भवानीमण्डी की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में बताया गया कि भवानीमण्डी स्थित मेला मैदान की सार्वजनिक उपयोग की भूमि जो कि पूर्व में नगरपालिका भवानीगण्डी के नाम दर्ज थी किन्तु तत्कालीन नगरपालिका अध्यक्ष ने गलत तथ्यों को प्रस्तुत कर वर्ष 1963 में इस भूमि को अपने नाम दर्ज करवा लिया गया था। जिसकी अपील नगरपालिका द्वारा किये जाने पर वर्ष 1983 में भूमि को पुनः नगरपालिका के नाम दर्ज किये जाने के आदेश न्यायालय सहायक कलक्टर झालावाड़ मुख्यालय भवानीमण्डी ने दे दिये थे किन्तु वर्ष 1983 के आदेश की पालना नहीं होने से भूमि आज तक नगरपालिका के नाम दर्ज नहीं हुई थी। परिणाम स्वरूप यह भूमि तत्कालीन अध्यक्ष की मृत्यु के बाद उनके वारिसानों के नाम दर्ज होती चली गई तथा इनके द्वारा अनुचित लाभ प्राप्त करने की दृष्टि से कुछ भू माफिया एवं प्रभावी लोगों के साथ मिलकर इस भूमि को खुर्द बुर्द करने के प्रयास किये जा रहा थे।
इस सन्दर्भ में तहसील पचपहाड से मौके एवं रिकार्ड के आधार पर विस्तृत जांच रिपोर्ट प्राप्त की गई। यह कि भूमि नगरपालिका भवानीमण्डी के कब्जे में होकर सार्वजनिक उपयोग यथा बंसत मेला, विभिन्न राष्ट्रीय पर्वो के समारोह के आयोजनों, विद्यालयों के खेल कूद प्रतियोगिताओं के आयोजनों व अन्य सार्वजनिक गतिविधियों के उपयोग में आ रही है. जो कि नगर भवानीमण्डी के लिये सार्वजनिक हित की दृष्टि से अत्यंत ही महत्वपूर्ण भूमि है। इस भूमि के रिकार्ड की शुद्धि राज्य हित एवं जनहित की दृष्टि से अति आवश्यक थी। इसलिये इन सभी तथ्यों एवं साक्ष्यों को ध्यान में रखकर विधि सम्मत कार्यवाही करते हुए उप खण्ड अधिकारी द्वारा मेला मैदान भवानीमण्डी की भूमि को पुनः नगरपालिका भवानीमण्डी के नाम दर्ज किये जाने के आदेश दिये गये।
राजकीय भूमि अथवा सम्पत्ति को सुरक्षित एवं संरक्षित रखना प्रशासन एवं आम जन का संयुक्त दायित्व होता है। इसलिये आम जन से आग्रह है कि राजकीय भूमि के संरक्षण में सक्रिय सहभागिता एवं जिम्मेदारी की भावना रखें।