डंपिंग यार्ड के बजाय सड़क किनारे डाल रहे कचरा
– नगर पालिका की लापरवाही आ रही सामने
लाखेरी – स्मार्ट हलचल/शहर की नगर पालिका के कचरा संग्रहण वाहन चालक ही स्वस्थ भारत मिशन अभियान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। पालिका के कचरा वाहन चालक शहर की गली- मोहल्ले से एकत्रित होने वाले कचरें को नगर पालिका द्वारा निर्धारित स्थान पर नहीं ले जाकर कई भी सड़क किनारे कचरा डाल देते हैं।जिसके चलते शहर के सड़को के किनारे गंदगी के ढेर पड़े रहते है।इन कचरों के ढेरो में आवारा पशु कचरे में खाने की वस्तुओ को खाने के चक्कर में प्लास्टिक की पॉलीथीन भी खाने से बीमार हो रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में नगर पालिका के आधा दर्जन से अधिक कचरा संग्रहण वाहन संचालित है, कचरा संग्रहण वाहन चालक अपनी मन मर्जी से सड़क किनारे अलग अलग जगह कचरा डाल कर चलें जाते है। जबकि नगर पालिका ने लाखों रुपए खर्च कर कचरा निस्तारण के लिए शहर से 5 – 6 किलोमीटर दूर बिशनपुरा गांव के समीप डंपिंग यार्ड बना रहा है। जहां पर गीला सुखा कचरा निस्तारण के लिए मशीनरी सहित पालिका कर्मचारी भी तैनात है। कचरा संग्रहण वाहन चालक कचरें को डंपिंग यार्ड नही ले जाकर शहर के शंकरपुरा, जिग जैग डैम के समीप सड़क किनारें, बस स्टैंड पर शमशान रोड पर सड़क किनारे, भोमिया जी रोड पर एसीसी की खानों के समीप, कोटा दौसा मैगा हाईवे पर स्थित देवनारायण मंदिर के पास सड़क किनारे जैसे अन्य स्थानों पर डाल देने से शहर वासियों को परेशानी का सामने करना पड़ता है वही कचरे के ढेर से उठने वाली दुर्गंध से रोड से निकलने वालों लोगों को बदबू के चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई कचरे के ढेरो में आवारा मवेशी आपस में लड़ कर रोड पर आ जाते है जिसके कारण दुर्घटना होने की संभावनाएं भी बनी हुई है।कचरे के ढेर में प्लास्टिक की थेलिया थैलीयां खाने के चक्कर में कई मवेशियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। वही वाहन चालक कचरा गाड़ी को डंपिंग यार्ड में ले जानें की कह कर अधिकारियो को भ्रमित कर डंपिंग यार्ड तक का डीजल खपत बता कर पालिका को राजस्व का नुकसान कर रहे हैं।