(बजरंग आचार्य )
सादुलपुर|स्मार्ट हलचल|सादुलपुर के स्थानीय प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट मयंक मीणा ने दो साल पुराने एक हत्या के मामले में हमीरवास पुलिस द्वारा पेश की गई अंतिम रिपोर्ट (एफआर) को खारिज कर दिया है। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में मृतक की मौत का कारण हृदयाघात (कार्डियक अटैक) बताया था, लेकिन न्यायालय ने इसे अस्वीकार करते हुए मामले में दोबारा गहन जांच के आदेश दिए हैं।
यह मामला 14 जुलाई, 2023 को तब शुरू हुआ जब बहल (हरियाणा) के राहुल सैनी ने हमीरबास थाने में अपने पिता कृष्ण सैनी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। बाद में पता चला कि उनकी लाश राजगढ़ अस्पताल में है। हमीरबास पुलिस ने जांच के बाद अदालत में रिपोर्ट पेश कर कहा कि मौत हृदयाघात से हुई है।
हालांकि, न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाया। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि पुलिस और डॉक्टर की रिपोर्ट के अनुसार, मृतक की गर्दन पर 10 सेंटीमीटर लंबी और सवा सेंटीमीटर गहरी चोट पाई गई थी। कोर्ट ने इस गंभीर चोट की जांच न करने पर हैरानी जताई।
अदालत ने पूछा कि “मृतक की गर्दन पर चोट कब और कैसे लगी? क्या मृतक की गर्दन पर चोट लगने के कारण ही उसे कार्डियक अटैक आया?” इन महत्वपूर्ण बिंदुओं की पुलिस ने कोई जांच नहीं की।
न्यायालय ने मामले के सभी पहलुओं पर विचार करते हुए, पुलिस को इन बिंदुओं पर दोबारा गहन अनुसंधान करने का आदेश दिया है। इस मामले में परिवादी राहुल की ओर से एडवोकेट प्रीतम शर्मा और एडवोकेट पुरुषोत्तम सैनी ने पैरवी की।