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“जज साहब! मेरी हत्या…” देवरिया कोर्ट में फूट-फूटकर रो पड़े पूर्व आईपीएस अमिताभ!

बोले—बेटे के इंटरव्यू को खराब करने की साजिश में मुझे आधी रात उठा लिया गया!

(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
देवरिया/लखनऊ। स्मार्ट हलचल|उत्तर प्रदेश के चर्चित और बेबाक पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी ने पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी है। देवरिया कोर्ट में पेशी के दौरान अचानक रो पड़े अमिताभ ने जज के सामने बेहद चौंकाने वाला आरोप लगाया—“मेरी हत्या की सुनियोजित साजिश रची गई है… मुझे इसलिए गिरफ्तार किया गया ताकि मेरे बेटे का इंटरव्यू प्रभावित हो जाए!” उनकी यह बात सुनकर कोर्ट में मौजूद हर शख्स स्तब्ध रह गया।

बुधवार तड़के लखनऊ पुलिस ने उन्हें सीतापुर महोली बॉर्डर से गिरफ्तार किया था। इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच देवरिया लाया गया। कोर्ट जाते समय उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें वे बार-बार कहते दिखाई दे रहे हैं कि यह गिरफ्तारी एक रणनीति के तहत की गई है। हालांकि एजेंसी इस वीडियो की पुष्टि नहीं करती। कोर्ट के बाहर मीडिया से बात करने की कोशिश भी उन्होंने की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

देवरिया पहुंचकर उन्हें एक घंटे की पूछताछ से गुजरना पड़ा, फिर मेडिकल कराया गया और दोपहर बाद एसआईटी टीम के निरीक्षक सोबरन सिंह ने उन्हें सीजेएम कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में खुद अपना मुकदमा लड़ने की बात कहकर अमिताभ ने जज से 40 मिनट का समय मांगा और वहां आठ पेज का विस्तृत स्पष्टीकरण सौंपा। इस दौरान अपनी बात रखते हुए वे भावुक हो गए और कहा कि जिस केस में उन्हें आरोपी बताया गया है, उसमें कोई अपराध हुआ ही नहीं। “दो दशक पुराने एक मामूली सिविल विवाद को आज एक फर्जी केस में बदलकर मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है। आधी रात रास्ते से उठा लिया गया। यह सब सिर्फ मुझे खत्म करने का खेल है।”

उधर, उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर भी बेहद चिंतित दिखाई दीं। उन्होंने कहा कि रात में अचानक पुलिस की सूचना आई कि अमिताभ को गिरफ्तार कर देवरिया ले जाया जा रहा है। उन्होंने इसे लेकर अनहोनी की आशंका भी जताई। नूतन के मुताबिक, जिस 26 साल पुराने मामले की आड़ में गिरफ्तारी की गई, वह केवल एक सामान्य सिविल विवाद था, जिसे आज गंभीर अपराध का रूप देकर कार्रवाई की जा रही है।

अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं और गोरखपुर में बतौर एसपी उनकी पहली पोस्टिंग थी। 23 मार्च 2021 को उन्हें जबरन रिटायर किया गया था। इसके बाद उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी ‘आजाद अधिकार सेना’ बनाई और वे इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। अपनी निर्भीक आवाज़ और सिस्टम के खिलाफ लगातार सवाल उठाने के कारण वे हमेशा सुर्खियों में रहे हैं।

अब सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या यह गिरफ्तारी सिर्फ एक कानूनी प्रक्रिया है, या वास्तव में पूर्व आईपीएस की मानें तो कोई “गहरी साजिश” चल रही है? उनकी गिरफ्तारी का समय, मामला, वायरल वीडियो और अदालत में फूट-फूटकर रोना—सब मिलकर एक बड़ा सवाल छोड़ रहे हैं, जिसका जवाब आगे की सुनवाई ही दे पाएगी।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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