नानी बाई का मायरा कथा सुनने उमडा जन सैलाव
मदन मोहन गर्ग
स्मार्ट हलचल,गंगापुर सिटी। श्री श्याम परिवार सेवा समिति के तत्वावधान में गौ एवं जल सेवार्थ आयोजित भव्य संगीतमय नानी बाई का मायरा कथा के प्रथम दिन वृंदावन धाम से पधारे गोविन्द भेयाजी ने कहा कि हमारे जीवन में माता पिता का बडा ही महत्व है। माता पिता से बच्चो की उन्नती संभव है। उन्होने कहा कि माता पिता का महत्व उन लोगो को ज्यादा पता है जिनके मां बाप नहीं है। इस लिए हमें सदा ही अपने माता पिता का सम्मान करना चाहिए। इससे पहले कथा संयोजक चन्द्रभान स्वास्तिक, सुरेश गोयल, अध्यक्ष राजेन्द्र दुसाद, हेमन्त सिंघल, कमलेश खण्डेलवाल, संजय ठीकरिया ने बाबा श्याम व पोथी की सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की। इसके बाद गणेश बंदना के साथ ही कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। कथाचार्य गोविन्द भैयाजी ने नरसी भगत के जन्म की कथा, नानी बाई का जन्म, उनके विवाह का बडे ही रोचक भाव से वर्णन किया। उन्होने कहा कि बेटी का जन्म आपके जीवन में पिछले जन्मो का पुण्य का प्रभाव होता है। जिस घर में कन्या नहीं होती उस घर को भूतो का वास कहा जाता है।
कथाचार्य ने नरसी मेहता के नरसी भगत बनने की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि जब नरसी जी अपनी सभी जिम्मेदारियो से मुक्त हुए तो वह भगवद स्मरण में लीन हो गए और प्रभू कृपा से उनकी ऐसी लगन लगी कि उनका दिन रात चारो याम प्रभू के भजन में लगने लगा। जिसकी ख्याती दूर दूर तक होने लगी। गांव के कुछ लोग नरसी से ईष्र्शा करने लगे और उन्होने नरसी से बचन भरवा कर सब कुछ दान में मांग लिया। प्रभू के भजन में लिप्त नरसी ने प्रभू श्रीकृष्ण को साक्षी मान कर अपनी 56 करोड की सारी सम्पति को दान कर दिया और एकतारा ले कर प्रभू भजन करने लगे। इस दौरान राधा कृष्ण व नरसी भक्त एवं शिव पार्वती की सजीव झांकियो का चित्रण किया गया। इस दौरान हजारो की संख्या में महिला व पुरूष मोजूद थे। कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण के साथ किया गया।