बिजौलिया। नगर पालिका बिजोलिया प्रशासन ने नगर सीमा क्षेत्र में भूमि से जुड़ी अनियमितताओं पर सख्ती दिखाते हुए बड़ा कदम उठाया है। अधिशासी अधिकारी पंकज कुमार मंगल ने पंजीयन एवं उप-पंजीयन अधिकारी, बिजोलिया को पत्र लिखकर पूर्व ग्राम पंचायतों के दस्तावेजों के आधार पर किए जा रहे स्वामित्व अंतर (नामांतरण) पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है।अधिशासी अधिकारी ने पत्र में बताया है कि राजस्थान सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के तहत ग्राम पंचायत बिजोलियों के क्षेत्र को नगर पालिका सीमा में शामिल किया गया था। इसके बाद नयागांव, फतहपुर, पुरोहितों का खेड़ा, रामपुरिया, मंडोल और केसूविलास सहित कई गांवों को भी नगर पालिका सीमा में सम्मिलित कर दिया गया है।उन्होंने बताया कि इस संक्रमण काल में कई भूमि लेन-देन पुराने ग्राम पंचायत दस्तावेजों के आधार पर किए जा रहे हैं, जिससे भूमाफियाओं द्वारा फर्जी नामांतरण और कानूनी विवादों की संभावनाएं बढ़ रही हैं। ऐसी स्थिति में नगर पालिका ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार का नामांतरण, विक्रय, उपहार, पावर ऑफ अटॉर्नी अथवा स्वामित्व अंतर नगर पालिका की पूर्व स्वीकृति के बिना स्वीकार न किया जाए।अधिशासी अधिकारी पंकज कुमार मंगल ने कहा नगर पालिका बनने के बाद सभी क्षेत्रों में ऐसी रोक लगाई जाती है ताकि रिकॉर्ड सही रहे और फर्जीवाड़ा न हो। बिजोलिया में यह रोक लगभग एक वर्ष बाद लगाई जा रही है। यह कदम आम नागरिकों के लिए नहीं, बल्कि भूमाफियाओं और गलत दस्तावेज़ों से कब्जा जमाने वालों के खिलाफ सख़्ती है।उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति वैध दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) हेतु आवेदन करता है, तो नगर पालिका द्वारा उसे अनुमति दी जाएगी।नगर पालिका प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय क्षेत्र में भू-अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। संक्रमण काल में फर्जी नामांतरण और दस्तावेजों की हेराफेरी को रोकने के लिए यह सख्ती भविष्य में भूमि विवादों को रोकने में महत्वपूर्ण साबित होगी।


