आज पीएम मोदी ने बड़ी तादाद में लोगों के हुजूम को संबोधित किया और उस हुजूम ने बहुत गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया। ये हुजुम भारत का नहीं बल्कि यहां से लगभग 5 हजार किलोमीटर दूर रह रहे रूस की राजधानी मॉस्को में हजारों भारतवंशियों का था। पीएम मोदी का आज रूस दौरे का दूसरा दिन है, यहां लोगों का अभिवादन करते उन्होंने कहा,”मैं अकेला नहीं आया हूं, मैं अपने साथ बहुत कुछ लेकर आया हूं। मैं अपने साथ हिंदुस्तान की मिट्टी की महक लेकर आया हूं। मैं अपने साथ 140 करोड़ देशवासियों का प्यार लेकर आया हूं।” पीएम ने कहा- भारत-रूस के बीच अनोखा रिश्ता है। रूस का नाम सुनते ही भारतीयों के मन में आता है, हमारा सुख-दुख का साथी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉस्को में भारतीय लोगों के सामने कहा कि उनके लिए हर चुनौती को चुनौती देना उनके डीएनए में है। उन्होंने भारतीयों के संघर्ष, उनकी उपलब्धियों और उनके दृढ़ संकल्प की प्रशंसा की। अपने भावनात्मक संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और रूस के बीच सदियों पुराना संबंध है और रूस हमेशा भारत के सुख-दुख का साथी रहा है।
भारतीयों की ताकत और चुनौतियों का सामना-
पीएम मोदी ने भारतीयों की कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करने की क्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा, “चाहे वह सामाजिक, आर्थिक या राजनीतिक क्षेत्र हो, भारत ने हमेशा चुनौतियों का सामना किया है और उन्हें पार किया है। चुनौतियों का सामना करना और उन्हें हराना हमारे डीएनए में है।”
कहा कि भारत में बदलाव सिर्फ सिस्टम और इंफ्रास्ट्रक्चर का ही नहीं है, बल्कि ये बदलाव देश के हर नागरिक के, हर नौजवान के आत्मविश्वास में भी दिख रहा है. 2014 से पहले हम निराशा की गर्त में डूब चुके थे, लेकिन आज देश आत्मविश्वास से भरा हुआ है. आपने भी हाल ही में T20 वर्ल्ड कप में भारत की विजय को सेलिब्रेट किया होगा. वर्ल्ड कप को जीतने की असली स्टोरी, जीत की यात्रा भी है. आज का युवा और आज का युवा भारत आखिरी बॉल और आखिरी पल तक हार नहीं मानता है. विजय उन्हीं के चरण चूमती है, जो हार मानने को तैयार नहीं होते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘रूस शब्द सुनते ही हर भारतीय के मन में पहला शब्द आता है… भारत के सुख-दुख का साथी, भारत का भरोसेमंद दोस्त. रूस में सर्दी के मौसम में टेंपरेचर कितना ही माइनस में नीचे क्यों न चला जाए… भारत-रूस की दोस्ती हमेशा प्लस में रही है, गर्मजोशी भरी रही है. ये रिश्ता म्यूच्यूअल ट्रस्ट और म्यूच्यूअल रिस्पेक्ट की मजबूत नींव पर बना है.’
उन्होंने कहा कि भारत-रूस की दोस्ती के लिए मैं विशेष रूप से अपने मित्र पुतिन की लीडरशिप की भी सराहना करूंगा. उन्होंने दो दशक से ज्यादा समय तक इस पार्टनरशिप को मजबूती देने के लिए शानदार काम किया है. बीते 10 सालों में मैं छठी बार रूस आया हूं और इन सालों में हम एक-दूसरे से 17 बार मिले हैं. ये सारी मीटिंग ट्रस्ट और रिस्पेक्ट बढ़ाने वाली रही