– एसडीएम उनियारा की गैर मौजूदगी में उनके प्रतिनिधी डीएसपी व तहसीलदार को राष्ट्रपति, सीएम सहित शासन प्रशासन के नाम सौंपा ज्ञापन,
– नरेश मीणा समर्थकों ने ज्ञापन में गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताकर झूठे आरोपों के जांच करवाने की मांग की
शिवराज बारवाल मीना
टोंक/उनियारा।स्मार्ट हलचल|राज्य में झालावाड़ जिले के मनोहरथाना क्षेत्र के पिपलोदी गांव में बीते दिनों 25 जुलाई 2025 को राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की छत गिरने से सात मासूम छात्रों की मौत और 20 से अधिक छात्रों के घायल व गंभीर घायल होने की घटना के बाद पूरे प्रदेश में शोक और आक्रोश का माहौल है। इस बीच जनता के बीच उभरते जन नेता नरेश मीणा, जो ‘जनक्रांति रैली’ निकाल रहे थे, 25 जुलाई को स्कूल हादसे की सूचना मिलते ही रैली स्थगित कर पीड़ित व मृतक छात्रों सहित उनके परिजनों से मिलने रवाना हुए, लेकिन पुलिस ने एक सोची समझी चाल के साथ उन्हें मेथून-अकलेरा टोल प्लाजा पर ही रोक दिया। उसके बाद नरेश मीणा वहां से झालावाड़ के एसआरजी अस्पताल पहुंचे और पहले से चल रहे धरने पर पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से धरने में शामिल हुए। जन नेता नरेश मीणा के समर्थकों का कहना है कि उन्होंने धरने के दौरान अस्पताल के बाहर किसी भी प्रकार की आपातकालीन सेवा में बाधा नहीं पहुंचाई, जबकि मौके पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय जैन (ताऊ) सहित अन्य नेताओं की मौजूदगी से स्थिति तनावपूर्ण हुई। इसके बाद पुलिस ने नरेश मीणा व उनके साथियों को बलपूर्वक हिरासत में लेकर एफआईआर संख्या 504/2025 के तहत मामला दर्ज कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। इस गिरफ्तारी के विरोध में शुक्रवार को नरेश मीणा समर्थकों और ग्रामीणों ने माननीय राष्ट्रपति नई दिल्ली, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव राजस्थान सरकार के नाम एसडीएम उनियारा को उनकी गैर मौजूदगी में पुलिस उपाधीक्षक उनियारा रघुवीर सिंह भाटी, कार्यवाहक तहसीलदार अलीगढ़ धर्मेंद्र तसेरा व नायब तहसीलदार उनियारा श्रीनिवास मीणा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में सर्व समाज के लोगों व नरेश मीणा समर्थकों ने जन नेता नरेश मीणा की गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताते हुए झूठे मुकदमे में आरोपों की न्यायिक जांच करवाने की मांग की गई। ———– ज्ञापन में निम्न मांगें व जांच करवाने की मांग की गई ———– झालावाड़ जिले के पीपलोदी स्कूल हादसे की उच्च स्तरीय निष्पक्ष न्यायिक जांच हो, राज्य की सभी सरकारी शैक्षणिक संस्थाओं के भवन इमारतों की गुणवत्ता की व्यापक समीक्षा हो, मृतकों के परिजनों को एक करोड़ की आर्थिक सहायता और घायलों को 50 लाख रूपये की राशि का मुआवजा सरकार द्वारा दिया जाए, मृतक छात्रों के पीड़ित परिवारों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए, धरने में शामिल भाजपा नेताओं सहित अन्य नेताओं पर आपातकालीन सेवाओं में बाधा डालने का मामला दर्ज किया जाए, शांतिपूर्ण विरोध व अभिव्यक्ति की आजादी स्वतंत्रता की रक्षा की जाए आदि मांगे ज्ञापन में शामिल रही। इस मौके पर ज्ञापन देने वालों में कांग्रेस के युवा नेता राहुल शर्मा, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष शिवनारायण (सोनू) मीणा, देशराज धारोला, मेघराज रिजोदा, मानसिंह रोशनपुरा, ऋषिकेश, मीठालाल मीणा, ओमप्रकाश मीणा, बिशन मीणा, लखन मीणा गंभीरी, रामधन, धनसिंह जयपुर, रामप्रसाद, दिलखुश बैरवा सहित दर्जनों युवा , ग्रामीण व जनप्रतिनिधी शामिल रहे।